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तेज गर्मी में लू-तापघात के लिए जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
आमजन से सावधानी एवं बचाव की अपील
टोंक, 21 अप्रैल। तेजी से बढ़ रही गर्मी के मद्देनजर जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा ने आमजन से लू, तेज गर्मी एवं हीटवेव में सावधानी बरतने की अपील की है। अत्यधिक गर्मी में लू-तापघात होने की आशंका बढ़ गई है। जिला कलेक्टर ने इससे प्रभावितों को तुरंत राहत देने के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिए है। साथ ही, सभी अस्पताल लू-तापघात के रोगियों के लिए कुछ बैड आरक्षित रखे एवं कूलर, एसी व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट एवं आवश्यक दवाइयां रखना सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रचार-प्रसार के माध्यम से जनसाधारण को लू-तापघात से बचाव एवं उपचार की जानकारी अपने स्तर से समय-समय पर प्रसारित करने के निर्देश भी दिए है।
कामकाजी एवं श्रमिक लोग इन बातों का रखे ध्यान
हर 20 मिनट में पानी का सेवन करे। सूर्य की सीधी रोशनी से बचे। कार्यस्थल पर अस्थाई शेड के द्वारा छाया की व्यवस्था करे। दोपहर तेज धूप में कार्य करने से बचे। श्रमिक हर एक घंटे बाद 5 मिनट आराम करे। कार्यस्थल पर प्राथमिक उपचार बॉक्स रखे। गर्भवती महिलाएं एवं बीमार लोग चिकित्सक की सलाह से ही गर्मी में काम करें।
यह है लू व तापघात लक्षण
शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है। इसके अलावा अधिक प्यास लगाना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना व बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं।
लू तापघात से प्रभावित रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जावे। रोगी को होश मे आने की दशा में उसे ठंडा पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पन्ना दें। प्याज का रस अथवा जौ के आटे को भी ताप नियंत्रण के लिए मला जा सकता है। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां रखें। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं, जब तक की शरीर का ताप कम नहीं हो जाता है। यदि मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे तत्काल निकट चिकित्सा संस्थान ले जाया जाएं।
लू व तापघात से बचाव के लिए यह करें उपाय
जहां तक संभव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढ़का हो। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा अति आवश्यक होने पर ही करें, बिना भोजन किये बाहर न निकलें। भोजन करके एवं पानी पी कर ही बाहर निकलें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढ़क कर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें। गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पीएं एवं पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, जूस आदि का प्रयोग करें। लू तापघात से प्रायः कुपोषित बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलाएं जल्दी प्रभावित होते हैं।