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पशुपालक अजोला का उपयोग कर पशुपालन की लागत कम कर सकते हैं – डॉ मदन मोहन माली
अविकानगर-
राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर की ओर से संचालित पशु विज्ञान केंद्र, अविकानगर-टोंक द्वारा आज दिनांक 6 अगस्त 2021 को “हरे चारे के रूप में पशुओं के लिए अजोला का महत्व” विषय पर ऑनलाइन पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में केंद्र प्रभारी अधिकारी डॉ. मदन मोहन माली ने बताया कि पशुपालक अजोला का उपयोग कर पशुपालन की लागत को कम कर सकते हैं।
केंद्र के डॉ. नरेंद्र चौधरी ने बताया कि अजोला दुग्ध व मांस उत्पादक पशुओं तथा मुर्गियों के लिए प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है जिसमें 25 प्रतिशत प्रोटीन व विटामिन ए विटामिन बी 12 के साथ-साथ विकासवर्धक सहायक तत्व जैसे- कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयरन भरपूर मात्रा में उपस्थित होते है।
दुधारू पशुओं को प्रतिदिन 2 किलो अजोला खिलाकर 15 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है| मुर्गियों को 20 ग्राम अजोला प्रतिदिन खिलाने से शारीरिक भार व अंडा उत्पादन में वृद्धि होती है।
अजोला की उत्पादन लागत एक रुपए प्रति किलोग्राम से कम आती है। केंद्र के डॉ. राजेश सैनी ने शिविर का संचालन किया। शिविर में 32 पशुपालकों ने भागीदारी निभाई।