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घरेलू गैस सिलेंडर का व्यावसायिक इस्तेमाल, कालाबाजारी पर अंकुश नहीं..?

घरेलू गैस सिलेंडर का व्यावसायिक इस्तेमाल, कालाबाजारी पर अंकुश नहीं..?

मालपुरा (टोंक) 29 मार्च। “स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” के नारे के साथ केंद्र की मोदी सरकार ने 01 मई 2016 को विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ एक सामाजिक कल्याण योजना “प्रधानमंत्री उज्जवला योजना” की शुरूआत की थी। लेकिन मालपुरा शहर में नवीन मंडी में स्थित एक नामचीन नमकीन की दुकान पर उज्ज्ज्वला गैस योजना की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए उज्ज्ज्वला गैस का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। जबकि यह योजना गरीबी स्तर पर जीवन यापन करने वाली महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्ज्वला योजना के तहत घरेलू उपयोग के लिए उपलब्ध करवाए जाते हैं। व्यावसायिक उपयोग पाए जाने पर, कनेक्शन धारक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें कनेक्शन रद्द करना और अन्य दंड शामिल हो सकते हैं।
घरेलू एलपीजी गैस हो या फिर उज्ज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेंडर हो, शहर में इनकी कालाबाजारी हो रही है। होटलों, छात्रावासों, समारोह और ठेले-खोमचों में इनका इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा। इससे आम उपभोक्ताओं का हित प्रभावित हो रहा है। दुकानदार द्वारा व्यावसायिक सिलेंडर सिर्फ बचाव व दिखाने के लिए ही रखे जाते है। जबकि घरेलू गैस सिलेंडरों की मिलीभगत कर कालाबाजारी की जा रही है। उज्ज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली ग्रामीण व शहरी महिलाओं को दिया जाता है लेकिन गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी के चलते शहर में कई जगह व्यावसायिक दुकानों पर इनका उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। सम्बंधित विभाग के अधिकारियों से आँख मिचौली कर यह कालाबाजारी करने वाले गरीब परिवारों का हक भी मार रहे हैं। मालपुरा शहर के गांधी पार्क के पास नवीन मंडी में स्थित एक प्रतिष्ठित नमकीन व मिठाई की दुकान पर उज्ज्ज्वला गैस सिलेंडर का व्यवासायिक उपयोग खुले आम किया जा रहा है। जबकि केंद्र की मोदी सरकार ने ग्रामीण व गरीब महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से उज्ज्वला योजना की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की शुरूआत के मौके पर कहा था, “इससे देश की आधी आबादी को धुंए से मुक्ति मिलेगी। उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।” उज्ज्वला योजना से ग्रामीण और गरीब महिलाओं की जिंदगी में परिवर्तन हुआ हो या नहीं हुआ हो, लेकिन इसके सिलेंडरो की कालाबजारी जरूर शुरू हो गई है। सूत्रों की माने तो ब्लैक में इन गैस सिलेंडरों की खरीद फरोख्त की जा रही है।

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