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वंदे-गंगा जल संरक्षण जन अभियान
वंदे-गंगा जल संरक्षण जन अभियान में सभी अपनी भागीदारी निभाएं : कन्हैया लाल चौधरी
टोंक। गंगा दशहरा एवं विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर शुरू हुए वंदे गंगा-जल संरक्षण जन अभियान के छठे दिन सोमवार को पीपलू उपखंड की ग्राम पंचायत सोहेला में हुए जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी शामिल हुए। कार्यक्रम में आमजन को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि भावी पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सभी इस अभियान में अपनी भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि ’जल है तो कल है, यही मेरा संकल्प है कि भावना के साथ हमे जल संरक्षण के सामूहिक प्रयास करने है।
जलदाय मंत्री चौधरी ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन के कारण हमें प्रकृति के संरक्षण के लिए गंभीरता से कार्य करने होंगे। उन्होंने किसानों को कम से कम पेस्टीसाइड को उपयोग लेने पर जोर देते हुए कहा कि आने वाला समय जैविक खेती का है। जैविक खेती कर भावी पीढ़ी को विरासत में रोग मुक्त जीवन सौंपे।
जलदाय मंत्री ने पानी का सदुपयोग करने एवं अपने आसपास पेड़ लगाकर उसके बड़ा होने तक देखभाल करने की बात कही। उन्होंने सभी को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। चौधरी ने कहा कि रामजल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी लिंक परियोजना) के माध्यम से भविष्य में न केवल टोंक जिले में बल्कि पूर्वी राजस्थान में पानी की कोई समस्या नहीं होगी। परियोजना के तहत जिले के बीसलपुर, ईसरदा, गलवा, मांशी एवं टोरडी सागर बांध समेत अन्य छोटे-बड़े बांधों को पेयजल के लिए आपूर्ति हो सकेगी। इसके लिए 12 हजार करोड़ रुपये के टेंडर हो चुके है। पीपलू क्षेत्र में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए 275 करोड़ रुपये के टेंडर कर वर्क आर्डर जारी किए गए है। निवाई शहरी पेयजल योजनाओं के संवर्धन, सुदृढी़करण के लिए 50 करोड़ एवं वनस्थली ग्रामीण पेयजल योजना में भी 8 करोड़ रुपये की लागत से कार्य कराए जाएंगे। कार्यक्रम में श्री चौधरी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीण महिलाओं को तुलसी का पौधा भेंट किया।
कार्यक्रम में देवली-उनियारा विधायक राजेंद्र गुर्जर ने कहा कि पर्यावरण व प्रकृति का संरक्षण प्राचीन समय से हमारी पंरम्परा व संस्कृति का हिस्सा रहा है। उन्होंने जन-जन की भागीदारी से ही अभियान को जन आंदोलन बनाने पर जोर दिया। निवाई-पीपलू विधायक रामसहाय वर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में संचालित जल संरक्षण अभियान के माध्यम से लोगों में जल संरक्षण के प्रति व्यापक चेतना का संचार होगा। साथ ही, अभियान से प्राचीन जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन को बल मिलेगा। जिला प्रमुख सरोज बंसल ने कहा कि सभी अपने-अपने क्षेत्रों में पेड़ लगाएं और उसका संरक्षण करते हुए जिले को समृद्ध एवं खुशहाल बनाएं। जिलाध्यक्ष चंद्रवीर सिंह चौहान ने ग्रामीणों और युवाओं से आव्हान किया कि वे इस अभियान को जन आंदोलन का रूप दें। जल संरक्षण न केवल आज की जरूरत है, बल्कि भावी पीढ़ी के लिए अमूल्य धरोहर भी है। सतीश चंदेल ने कहा कि जल ही जीवन है और इसे बचाना हमारी जिम्मेदारी है।
इससे पूर्व अतिथियों ने बोरखंडी खुर्द तालाब पर जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण संबंधी कार्यों का अवलोकन किया। साथ ही, हरियालो राजस्थान के तहत पौधारोपण की तैयारियों का जायजा लिया। कार्यक्रम में सीईओ परशुराम धानका ने जिले में चल रहे अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर रामरतन सौकरिया, पूर्व सभापति लक्ष्मी जैन, पूर्व कृषि मंडी चैयरमेन रामनिवास गुर्जर, अंजलि गुप्ता, नीलिमा आमेरा समेत अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद रहे।