पेयजल समस्याओं के निराकरण के लिए जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित।
टोंक, 2 मई। पेयजल व्यवस्था के सुचारू संचालन और समस्याओं के निराकरण के लिए पीएचईडी का जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका टेलीफोन नंबर 01432-247436 है। इस संबंध में जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने मंगलवार को जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचईडी) और आरयूआईडीपी के अधिकारियों की बैठक भी ली। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले के नागरिक पेयजल से संबंधित किसी भी शिकायत के लिए नियंत्रण कक्ष के टेलीफोन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
जिला कलेक्टर ने पीएचईडी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन गांवों में पानी की समस्या है, वहां जल्द पानी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि गर्मी का सीजन आ गया है, इसलिए पेयजल आपूर्ति के मोर्चे पर कोई ढील नहीं बरती जाए। जिला कलेक्टर ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि दूषित पानी संबंधी शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए।
पीएचईडी के अधिशासी अभियंता मोहन लाल मीणा ने बताया कि गर्मियों में पेयजल व्यवस्था के सुचारू संचालन और पेयजल समस्या के निराकरण के लिए जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए है, जिसका टेलीफोन नंबर 01432-247436 है। इस नियंत्रण कक्ष का प्रभारी पुरुषोत्तम मीणा और सह प्रभारी राजेंद्र गोठवाल को बनाया गया है। नियंत्रण कक्ष पर कार्यरत कार्मिक को एक अलग रजिस्टर का संधारण करना होगा और प्राप्त होने वाली शिकायतों को रजिस्टर में दर्ज कर नियंत्रण कक्ष प्रभारी और सह-प्रभारी को सूचित करना होगा। वे उपखंड के संबंधित क्षेत्र के सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता को शिकायत से अवगत कराएंगे और शिकायत के निराकरण के बाद रजिस्टर में की गई कार्रवाई का ब्योरा दर्ज करेंगे। उन्होंने बताया कि नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम करेगा।
बैठक में पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता राजेश गोयल, अधिशासी अभियंता मोहन लाल मीणा तथा आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता एनसी पंवार एवं अधिशासी अभियंता हरिसिंह मीणा उपस्थित रहे। पंवार ने बताया कि आरयूआईडीपी ने टोंक शहर में नई टंकियां बनाकर एवं नई पेयजल लाइनें बिछाकर पीएचईडी को सौंप दी गई हैं। अब पीएचईडी पुरानी लाइनों से पेयजल आपूर्ति बंद कर इन नई लाइनों से शुरू करेगा।
Check Also
गन्दगी से जनता हुई त्रस्त, पालिकाध्यक्ष प्रतिष्ठानों के शुभारंभ करने में व्यस्त…?
🔊 इस खबर को सुने Gopal NayakChief Editor गन्दगी से जनता हुई त्रस्त, पालिकाध्यक्ष प्रतिष्ठानों …