जिला प्रभारी मंत्री श्री शाले मोहम्मद ने किया विकास कार्यों का निरीक्षण।
टोंक, 19 जनवरी।
प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलात एवं जिला प्रभारी मंत्री श्री शाले मोहम्मद गुरुवार को टोंक के दो दिवसीय दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने जिले में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस मौके पर निवाई-पीपलू विधायक प्रशांत बैरवा, जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल, सीईओ देशलदान सहित उपखंड स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। जिला प्रभारी मंत्री ने उपखंड निवाई के शिवाजी पार्क में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां काम कर रहे श्रमिकों से बात की और उन्हें मिल रही मजदूरी की दरों पर संतोष प्रकट किया। प्रभारी मंत्री ने अधिशाषी अधिकारी महिमा डांगी से योजना के तहत चल रहे कार्यों की जानकारी ली तथा अधिकाधिक जरूरतमंद लोगों को कार्य देने के निर्देश दिए। नगर पालिका निवाई द्वारा निर्मित सार्वजनिक पुस्तकालय के निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने वहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से बात कर उनकी अन्य जरूरतों के बारे में पूछा। छात्र-छात्राओं ने लाइब्रेरी बनने पर खुशी प्रकट करते हुए राज्य सरकार का आभार प्रकट किया।
टोंक में विकास कार्यो का निरीक्षण
जिला प्रभारी मंत्री ने डीएमएफटी योजनान्तर्गत सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई टोंक-बमोर-बनेठा सड़क (7 मीटर चौड़ाई में सीसी सड़क मय पुलियाओं व इन्टरलॉकिंग) कार्य की गुणवत्ता का निरीक्षण किया। इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि इस 1.5 किमी सड़क निर्माण में 342.07 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसके बाद प्रभारी मंत्री ने मुख्यमंत्री जिला नवाचार निधि योजना से जिला खेल स्टेडियम में कराए गए विकास कार्यों का जायजा लिया।
ये हुए विकास कार्य
जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री जिला नवाचार निधि के तहत जिला खेल स्टेडियम में टेनिस कोर्ट, बॉलीवॉल मैदान, शूटिंग बॉल मैदान, बैडमिंटन कोर्ट, बास्केट बॉल कोर्ट, टेनिस कोर्ट का निर्माण कार्य कराया गया है। इसके अलावा इंडोर बैडमिंटन कोर्ट का विस्तार व मरम्मत कार्य प्रगतिरत है। इस पर अब तक 26.2 लाख रुपये व्यय किये गए हैं।
इंदिरा रसोई में किया भोजन
जिला प्रभारी मंत्री श्री शाले मोहम्मद, जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल एवं सीईओ देशलदान ने मातृ एवं शिशु अस्पताल में संचालित इंदिरा रसोई में भोजन किया। साथ ही वहां भोजन कर रहे लोगों से खाने की गुणवत्ता को लेकर फीडबैक लिया।