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मालपुरा में पत्रकारों का अनोखा विरोधः अब ‘सद् बुद्धि यज्ञ’ से होगी प्रशासन की बुद्धि-शुद्धि !
मालपुरा (टोंक)।
मालपुरा में पत्रकारों के सब्र का इम्तिहान अब प्रशासन पर भारी पड़ता दिख रहा है। डिग्गी मेले के दौरान पत्रकारों से हुए दुर्व्यवहार के खिलाफ जारी आंदोलन अब नए चरण में प्रवेश कर गया है। न्यूज़ पोर्टल एसोसिएशन और जार (जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान) मालपुरा के संयुक्त नेतृत्व में चल रही पेन डाउन हड़ताल अब “सद बुद्धि यज्ञ” का रूप ले चुकी है। पत्रकारों ने एलान किया है कि अब वे प्रशासन की “बुद्धि-शुद्धि” के लिए यज्ञ करेंगे, ताकि उन्हें लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका की सद बुद्धि प्राप्त हो सके। विरोध का यह क्रम 10 अगस्त तक चलेगा, जिसमें पत्रकार कलम तो नहीं उठाएंगे, लेकिन हवन कुंड में आहुति डालते हुए अपनी आवाज बुलंद करेंगे। आंदोलन कर रहे पत्रकारों ने कहा कि अब शब्द नहीं, आहुति की ज्वाला बोलेगी। यह विरोध किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि उस मानसिकता के खिलाफ है जो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने की कोशिश करती है। डिग्गी मेले की कवरेज के दौरान हुए घटनाक्रम ने जिस तरह पत्रकारों को आंदोलन के लिए बाध्य किया, वह अब सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप ले चुका है। “सद्बुद्धि यज्ञ” के माध्यम से पत्रकारों ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए विरोध का जो अनूठा मार्ग चुना है, वह पूरे प्रदेश में एक उदाहरण बनता जा रहा है।
जिलेभर से पत्रकार संगठनों और सामाजिक संस्थाओं का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। शांतिपूर्ण और सांकेतिक रूप से चल रहा यह आंदोलन अब एक सामाजिक चेतना का रूप ले रहा है, जिसमें लोकतंत्र की गरिमा को बचाए रखने की गूंज है।
पत्रकारों का कहना है कि जब तक सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक विरोध के सुर अलग-अलग रूपों में जारी रहेंगे। “अब कलम नहीं, अग्नि बोलेगी।”
इधर, मालपुरा एसीजेएम कोर्ट ने पत्रकार राकेश पारीक से जुड़े मामले में उपखंड अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इससे प्रशासनिक अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।