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कियोस्क संचालकों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, की पुनः आवंटन की मांग
कियोस्क संचालकों ने लगाया पालिका प्रशासन पर आरोप, बिना नोटिस दिए बगैर की कार्रवाई
मालपुरा (टोंक)। नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहर में प्रस्तावित नव अत्याधुनिक बस स्टैंड निर्माण को लेकर कुछ दिनों पूर्व जलदाय विभाग के पास स्थित कियोस्को को तोड़ने की कार्यवाही की गई थी। मंगलवार को कियोस्क संचालकों ने पालिका प्रशासन पर आरोप लगाते हुए और प्रस्तावित नवीन बस स्टैंड पर पुनः कियोस्क आवंटन की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर मालपुरा को ज्ञापन सौंपा। कियोस्क संचालकों का आरोप है कि पालिका प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना और नोटिस दिए बगैर ही कियोस्क तोड़ने की कार्रवाई की है।
ज्ञापन में बताया गया कि वर्ष 2002-03 में “मुख्यमंत्री रोजगार योजना” के अंतर्गत नगर पालिका मालपुरा द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल, विधवा, तलाकशुदा, विकलांग व पूर्व सैनिकों जैसे वंचित वर्गों को कियोस्क आवंटित किए गए थे। व्यास सर्किल (जलदाय विभाग कार्यालय के पास), पीडब्ल्यूडी कार्यालय, पंचायत समिति निवास और बस स्टैंड क्षेत्र में करीब 100 से अधिक कियोस्क आवंटित किए गए थे। जिनमें से 28 से 30 कियोस्क व्यास सर्किल पर वर्षों से स्थापित हैं। कियोस्क धारक बीते 20 वर्षों से अपने परिश्रम के बल पर अपने परिवारों का भरण-पोषण किया है और स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान दिया है। लेकिन दिनांक 15 मई 2025 गुरुवार को बिना किसी पूर्व सूचना, बिना नोटिस और बिना वार्ता के, नगरपालिका अधिकारियों द्वारा जेसीबी के साथ आकर कियोस्क तोड़ने की कार्रवाई की।
यह कार्य न केवल राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 194 (1) के विरुद्ध है, जो कहता है कि किसी भी स्थायी या अस्थायी संरचना को हटाने के लिए पूर्व सूचना व कारण बताना अनिवार्य है, बल्कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और जीविका के अधिकार) का भी उल्लंघन है।