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मालपुरा में पालिका प्रशासन की कार्रवाई, ‘रूई पेंच’ इंडस्ट्रीज पर चला बुलडोजर, कानूनी पेंच फंसा
मालपुरा (टोंक)। शहर के जयपुर रोड स्थित ‘रूई पेंच’ (नवभारत इंडस्ट्रीज) पर पालिका प्रशासन द्वारा मंगलवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। जिससे उद्योग जगत में हलचल मच गई। यह ज़मीन 1936 में जयपुर रियासत द्वारा लीज पर दी गई थी, जब नगर पालिका मालपुरा का कोई अस्तित्व नहीं था। बाद में पारिवारिक बंटवारे के बाद यह संपत्ति चौधरी इंटरनेशन के हिस्से में आ गई, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनी है और कारपेट के इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का कारोबार करती है। उद्योगपति विमल चौधरी, जो मूलतः झुंझुनू के रहने वाले हैं, वर्तमान में विदेश में हैं। सूत्रों के अनुसार, 2011-12 में लीज समाप्ति से पहले 2004 में आर्टिकल 14 (समानांतर अधिकार) के तहत लीज नवीनीकरण का आवेदन दिया गया था, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। इसी मामले में 2012 में हाई कोर्ट जयपुर ने कंपनी के पक्ष में स्टे दिया था। कंपनी के मैनेजर ने पालिका प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि “हमें कोई पूर्व सूचना या नोटिस नहीं दिया गया, और अचानक कार्रवाई कर दी गई। हमारी लीगल टीम इस मामले को देख रही है, और जल्द ही कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।”
पालिका प्रशासन का दावा है कि यह अतिक्रमण की गई जमीन थी, जिसे नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया है। वहीं, कंपनी प्रबंधन का कहना है कि यह भूमि 300-400 वर्षों से इसी स्थिति में है, और अब अचानक इसे अतिक्रमण बताना समझ से परे है। कंपनी के प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि “नाले से 60 फीट तक की जमीन को नगर पालिका की संपत्ति बताया गया, लेकिन इतने वर्षों तक इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई। यदि यह अवैध था, तो पहले कार्रवाई क्यों नहीं की गई?” इस मामले में अब कानूनी लड़ाई की संभावनाएं बढ़ गई हैं, क्योंकि कंपनी ने हाई कोर्ट के स्टे आदेशों का पालन नहीं करने का भी आरोप लगाया है।
प्रशासन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यदि यह मामला कोर्ट में जाता है, तो आगे और कानूनी प्रक्रिया की स्थिति स्पष्ट होगी। फिलहाल, इस कार्रवाई के बाद उद्योग जगत और स्थानीय नगर पालिका प्रशासन के बीच एक नई बहस शुरू हो गई है। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन इस मामले पर कोई स्पष्टीकरण देगा, या यह मामला कानूनी दायरे में और गहराता जाएगा।