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मालपुरा मंडल अध्यक्ष का चुनाव बना गले की फांस…?
भाजपा कार्यकर्ता मनीष जैन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म
मालपुरा (टोंक)। प्रदेश भाजपा में चल रहे संगठन चुनावों में मंडल अध्यक्षों के नाम पर भी सर्वसम्मति नहीं बन पा रही है। अभी तक जिन मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित किए हैं, उन पर भी विवाद हो रहा है। यह विवाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंच चुका है। वहीं दूसरी ओर मंडल अध्यक्ष नहीं बनने से जिला अध्यक्षों की चुनावी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान क्या समय पर संगठन चुनाव करा पाएगा? जानकारी के अनुसार मंडल अध्यक्ष के लिए तीन-तीन नाम के पैनल मांगे गए। इसमें कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर चुनाव प्रभारियों तथा विधायकों-सांसदों से तीन-तीन नाम मांगे गए।
वहीं अगर भाजपा मालपुरा मंडल अध्यक्ष पद की बात करे तो मंडल अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सूत्रों की माने तो मालपुरा पैनल में मनीष जैन टोरडी का नाम सबसे उपर है। एक बार फिर भाजपा का प्रदेश संघठन वैश्य वर्ग से ही मण्डल अध्यक्ष बनाने की तैयारी में है। वही बार बार वैश्य वर्ग से मंडल अध्यक्ष बनाए जाने से अन्य वर्ग के भाजपा कार्यकर्ताओं में असन्तोष व गहरी नाराजगी दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर लगातार अन्य वर्ग के भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा वैश्य वर्ग से मण्डल अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध किया जा रहा है। जहां मनीष जैन टोरडी भाजपा के मंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री तक अच्छी पकड़ रखते हैं, वहीं अन्य वर्ग द्वारा किए जा रहे विरोध के चलते मनीष जैन की ताजपोशी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मनीष जैन भाजपा के युवा, कर्मठ और समर्पित सक्रिय कार्यकर्ताओं की श्रेणी में आते हैं। वही कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर निकालनी शुरू कर दी है। सूत्रों की माने तो अन्य वर्ग के असन्तुष्ट भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि 44 साल के इतिहास में मंडल अध्यक्ष के पद पर केवल वैश्य वर्ग का दबदबा कायम रहा है। अगर अबकी बार फिर अन्य वर्ग के भाजपा कार्यकर्ताओं को अनदेखा किया गया तो भाजपा का अंतर्कलह खुलकर सामने आएगा।आमजन का कहना है कि अबकी बार भाजपा आलाकमान के लिए मालपुरा मंडल अध्यक्ष का चुनाव गले की फांस बन गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा मंडल अध्यक्ष चुनाव को लेकर जो विरोध हो रहा है, उसकी खबर केबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी से लेकर भाजपा आलाकमान तक पहुंच चुकी है। स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते अब मनीष जैन टोरडी की ताजपोशी भी संकट में पड़ गई है। अब पूरी स्थिति मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
