मालपुरा में जैन मुनि सुन्दर सागर महाराज का मंगल प्रवेश, भक्तों के लिए प्रेरणादायक प्रवचन
मालपुरा (टोंक)। मालपुरा कस्बे में रविवार को जैन समाज के लोगों के लिए अत्यंत शुभ और उल्लासपूर्ण दिन रहा, जब आचार्य 108 श्री सुन्दर सागर महाराज ने अपने मंगल प्रवेश के साथ पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। उनके स्वागत के लिए सैकड़ों श्रद्धालु एकत्रित हुए, जिन्होंने पुष्प वर्षा और जयकारों के साथ महाराज का भव्य स्वागत किया।
मंगल प्रवेश के उपरांत आयोजित धर्मसभा में आचार्य 108 श्री सुन्दर सागर महाराज ने अपने प्रवचन में धर्म, अहिंसा, और संयम के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, मानव जीवन दुर्लभ है, इसे धर्म और करुणा के मार्ग पर चलकर सार्थक बनाना चाहिए। अहिंसा केवल एक सिद्धांत नहीं है, यह जीवन जीने का सर्वोच्च मार्ग है। महाराज ने अपने प्रवचन में आधुनिक जीवन की चुनौतियों और जैन धर्म के सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए तप, ध्यान और नैतिक आचरण आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि संत एवं बसंत दोनों का आगमन सुखदायक होता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बसंत आगमन में प्रकृति का वातावरण खुशनुमा बन जाता है। उसी प्रकार संतों के किसी भी नगरी में प्रवेश करने से चारों और खुशियां छा जाती हैं। उन्होंने कहा कि संतों का दर्शन हमारा भाग्य है उनका घर आगमन सौभाग्य है और उनका आशीर्वाद परम सौभाग्य है। इस दौरान आर्यिका विष्णु प्रभा व सुरम्य मति माताजी ने भी धर्मसभा को संबोधित किया।
वहीं आचार्य श्री का मंगल प्रवेश केकड़ी रोड से बैंड बाजों के साथ हुआ, जहां जैन समाज द्वारा 101 तोरण द्वार बनाए गए वही जगह जगह पाद प्रक्षालन हुआ और पुष्प वर्षा की गई। मंगलाचरण आदित्य जैन द्वारा किया गया और संचालन शैल दीदी द्वारा किया गया। मालपुरा में आचार्य श्री ने सुन्दर सागर महाराज के प्रवास के दौरान विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम और प्रवचन सत्र आयोजित किए जाएंगे। भक्तों के लिए यह एक दुर्लभ अवसर है, जिसमें वे धर्म की गहराई और साधना का लाभ उठा सकते हैं।