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गरीब और बेघर पात्र परिवार दफ्तरों के काट रहे चक्कर, अपात्र लोगों ने उठाया पीएम आवास योजना का लाभ…?

गरीब और बेघर पात्र परिवार दफ्तरों के काट रहे चक्कर, अपात्र लोगों ने उठाया पीएम आवास योजना का लाभ…?
 मालपुरा (टोंक)। प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को केंद्र सरकार द्वारा की गई थी, इस योजना को राजस्थान के ग्रामीण इलाकों और शहरी इलाकों में चलाया जा रहा है, इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और बेघर लोगों को आवास हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि ऐसे नागरिक अपने लिए एक पक्का मकान बना सकें। योजना के तहत लाभार्थियों को पक्का मकान बनाने के लिए तीन किस्तों में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता मकान के निर्माण की प्रगति के अनुसार दी जाती है, जिससे गरीब परिवारों को सुरक्षित और स्थायी आवास मिल सके। योजना के अंतर्गत यह पूरा ध्यान रखा जाता है कि पात्र परिवार को ही योजना का लाभ मिल सके। लेकिन सूत्रों की माने तो मालपुरा शहर में कई ऐसे अपात्र परिवारों को मिलीभगत कर के पीएम आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है और पात्र गरीब और बेघर परिवारों को योजना के लाभ से वंचित रखा जा रहा है। नगरपालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के नाम पर कुछ अराजक तत्वों का लोगों के आवास स्वीकृत करवाने, किस्त डलवाने के नाम पर धंधे चल रहे है। पीएम आवास योजना के तहत मोटी रकम की वसूली की जा रही है। इसके साथ ही पात्र परिवार जिन्हें छत की जरूरत है वह आज भी नगर पालिका और दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं जबकि जो अपात्र है वह लाभान्वित हो चुके है। अब सवाल यह उठता है कि पीएम आवास योजना में मिलीभगत कर अनुचित तरीके से योजना का लाभ ले चुके अपात्र लोगों से क्या स्थानीय प्रशासन पुनः वसूली करेगा…? क्या ऐसे अपात्र लोगों के विरुद्ध सबंधित विभाग के अधिकारी कोई कानूनी कार्रवाई करेगे या फिर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा ? क्या पात्र गरीब और बेघर परिवारों का हक ऐसे ही भ्रष्टाचार कर के अपात्र लोगों के द्वारा मारा जाता रहेगा? ऐसे ही कई सवाल पीएम आवास योजना से जुड़े अधिकारी – कर्मचारियों पर खड़े होते हैं। साथ ही उनकी कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा करते हैं।
आपको बता दें कि ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर जिले के आगोलाई में उजागर हुआ था। तत्कालीन जिला कलेक्टर ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच के लिए आठ सदस्यों की जिला स्तरीय टीम गठित की और जांच सही पाई जाने पर आगोलाई के ग्राम अधिकारी को तुरंत हटा दिया गया। ग्राम अधिकारी को सस्पेंड करने के साथ ही 6 सीसीए की चार्ज सीट भी दी गई तथा इस योजना के अंदर अन्य जो संलिप्त थे, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की गई। वहीं जिन लोगों ने गलत तरीके से पीएम आवास योजना का लाभ ले लिया था, उनसे वसूली की गई। इसके साथ ही आगोलाई के सरपंच के विरुद्ध भी धारा 38 के तहत कार्रवाई की गई थी।

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