देखरेख के अभाव में बदहाल हुए शहर के सार्वजनिक शौचालय
पालिका प्रशासन ने साध रखी है चुप्पी
रिपोर्टर उमाशंकर शर्मा, टोडारायसिंह (केकडी)। शहर को खुले में शौच मुक्त करने के लिए प्रशासन और राज्य व केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। लोगों को घर-घर शौचालय बनवाने के लिए जागरूक भी किया जाता है। लेकिन शहर के विभिन्न स्थानों पर बने सार्वजनिक शौचालय देखरेख के अभाव में बदहाल स्थिति में हैं।नगर पालिका प्रशासन की मिलीभगत से मार्च 2024 में पालिका क्षेत्र के शौचालयों व पेशाब घरों की साफ सफाई व रख रखाव तथा मरम्मत के लिये साढ़े पांच लाख रूपये का टेंडर होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा इन शौचालयो की साफ सफाई नही करने से कस्बे के शौचालयों व पेशाब घरों की दुर्दशा हो रही है।
बाजारों में बने पेशाबघरों से दुर्गंध आने से आमजन व व्यापारियों को दुकान पर बैठना भी दुश्वार हो रहा है। सूत्रों की माने तो ठेकेदार द्वारा बिना कार्य किये ही नगरपालिका से भुगतान उठाने के लिये पालिका में बिल भी सम्मिट कर दिए गए हैं। नगर पालिका ने मार्च 2024 में नगरपालिका क्षेत्र के शौचालयों व पेशाबघरों की साफ सफाई, रखरखाव तथा मरम्मत के लिए 5.50 लाख रु के टेण्डर जारी किये थे। जिसमें नियमित साफ सफाई रख रखाव तथा मरम्मत कार्य शामिल था। लेकिन 6 माह बाद भी इन सार्वजनिक शौचालयों तथा पेशाब घरों की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई। उनमें गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। गुटखा और पान की पीक से रंगे हुए है। कस्बे के व्यापारियों ने बताया कि पेशाब घरो से नजदीक होने से दिनभर दुर्गन्ध से दुकान पर व्यापार करना मुश्किल हो रहा है। दुर्गन्ध से ग्राहक दुकान से सामान नहीं खरीद रहे है। वहीं पेशाब घरों की सफाई नहीं होने से वहां पेशाब करने से पहले नाक बन्द करना पड़ता है। कस्बे में माणक चौक, बालिका स्कूल के सामने, अम्बेडकर भवन, पुराना बस स्टेण्ड, पीपली चोराहा, जैन भवन के समीप, अस्पताल के पास, बीसलपुर रोड, जयपुर चुंगीनाका, तेजा जी चौक, कटला चौक, सहित दर्जनभर स्थानो पर बने हुए हैं। कस्बे में पेशाबघरों की साफ सफाई नहीं होने के बावजूद ठेकेदार नगर पालिका प्रशासन से मिली भगत कर पिछले 6 माह का साफ सफाई, रखरखाव तथा मरम्मत करवाने के नाम पर लाखों रुपये के बिल तैयार भुगतान की जुगत में लग रहा है। पालिका को लाखो रुपये का चूना लगाने की फिराक में है। जिससे पालिका प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।