दुकान में लगी भीषण आग, लाखों रुपये का कपड़ा जलकर हुआ राख
कार्यवाहक पालिका ईओ को झेलना पड़ा आमजन का विरोध
मालपुरा (टोंक) । आज मंगलवार को मालपुरा कस्बे में लगी भीषण आग से लाखों रुपयों का कपड़ा जलकर राख हो गया। वहीं पालिका दमकल के देरी से आने के कारण दुकानदारों व आमजन में आक्रोश व्याप्त हो गया।
मालपुरा शहर के गांधी पार्क के पास नवीन मंडी बाजार में स्थित, अतुल साड़ीज दुकान में अज्ञात कारण से आग लग गई। देखते देखते ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। दुकानदारों द्वारा नगर पालिका दमकल को सूचना देने के बाद भी एक घण्टे देरी से पहुंची दमकल को लेकर आमजन में नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हो गया। पीड़ित दुकानदार और आमजन ने पानी के टैंकरों से आग पर काबू पाने का प्रयास किया।
वहीं डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नगर पालिका दमकल ने आग पर काबू पाया। इस दौरान आमजन प्रदेश की डबल इंजन की सरकार और स्थानीय पालिका प्रशासन को कोसता नजर आया। अगर नगर पालिका के वर्तमान हालात की बात करें तो हालात बद से बदतर हो चुके हैं। पिछले 8 – 9 महीने से सफाई कर्मचारियों को वेतन नही मिलने से सफाईकर्मी हड़ताल पर है। जिससे शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा चुकी है। चारों तरफ शहर में गन्दगी का आलम है।
अग्निशमन गाड़ी पालिका में कम और मेकेनिक की दुकान पर ज्यादा खड़ी दिखाई देती है। होमगार्ड के जवानों को पालिका से हटाने के बाद दमकलकर्मी भी नहीं रहे। हाल ही में अजमेर रोड़ मीर कॉलोनी में आग लगने से 8 से 10 ट्रोली चारा जलकर राख हो गया था। लेकिन मालपुरा नगर पालिका की दमकल सूचना के एक घण्टे के बाद पहुंची। जब तक चारा जलकर राख हो चुका था। इसका कारण यह है कि दमकल पर न तो कोई चालक है और ना ही कोई फायरमैन। होमगार्ड के जवान जो दमकलकर्मी का कार्य करते थे उनको पालिका प्रशासन ने कार्यमुक्त कर दिया। होमगार्ड के जवानों को भी पिछले 7 – 8 माह से भुगतान नही किया गया है।
वहीं नगर पालिका के कार्यवाहक ईओ राहुल पारीक के घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पीड़ित दुकानदारों और आमजन का गुस्सा फूट पड़ा। पालिका उपाध्यक्ष पवन मेंदवास्या ने पालिका में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। कार्यवाहक ईओ राहुल पारीक ने घटनास्थल का जायजा लिया। उपखण्ड अधिकारी ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और घटना की जानकारी ली। साथ ही व्यापारी वर्ग के साथ बैठकर चर्चा भी की।
वहीं स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि दमकल को ठीक करवाने के पैसों का भुगतान पालिका द्वारा नहीं देने से दमकल मिस्त्री की दुकान पर ही खड़ी हुई थी। स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर जमा भीड़ को नियंत्रित किया। वहीं पीड़ित दुकानदार के लाखों रुपये का नुकसान होने से दुःखों का पहाड़ सा टूट गया।