आखिर कौन है डॉ. समित शर्मा…? पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने क्यों की है उनकी प्रशंसा…?
किस तरह की है उनकी कार्यशैली… क्यों वह लगातार चर्चा में बने रहते हैं…? क्यों उनके लगातार तबादले होते रहते हैं…? पिछली सरकार में एक रूतबे वाले मंत्री ने उनको बदनाम करने का प्रयास क्यों किया था…? आइए, जानते हैं इन सब सवालों के जवाब…?
देवीशंकर सोनी की कलम से….✍️
– डॉ समित शर्मा मूल रूप से अजमेर राजस्थान के रहने वाले हैं, 21 फरवरी 1972 को जन्मे समित शर्मा ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर रखी है… लोकसेवक बनने से पहले समित शर्मा ने एक अस्पताल में डॉक्टर के रूप में पांच वर्ष सेवाएं दी है, समित शर्मा ने अपने पिता सुरेंद्र शर्मा के दोस्त पीसी जैन की बेटी डॉ. सोनिका से शादी की है… दो बच्चों के पिता डॉ. समित शर्मा ने शादी के बाद यूपीएससी की तैयारीयां की और आईएएस बने…!
– अफसरशाही मिजाज को जानने वाले लोग कहते हैं कि कभी समित शर्मा पूर्व सीएम गहलोत की गुड़ लिस्ट में शामिल थे, फिर अचानक अपने आप को स्वयंभू मुख्यमंत्री मानने वाले रघु शर्मा की कोप दृष्टि का शिकार हो गए… और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच भी करवाई, लेकिन समित शर्मा बेदाग निकले… देखा-देखी में दूसरे मंत्रियों की नाराजगी भी उनको झेलनी पड़ी, अपनी ईमानदारी के चलते मंत्रियों के भ्रष्टाचार के कार्यों में रोड़ा बने समित शर्मा आखिरकार तत्कालीन सीएम गहलोत की गुड़ लिस्ट से गायब हो गए… 2011 में राइट टू हेल्थ के तहत नि:शुल्क जेनेरिक दवाओं जैसी योजनाओं को अंजाम देने वाले समित शर्मा की गहलोत भी बहुत प्रशंसा किया करते थे… पर कहते हैं ना राजनेताओं की प्रशंसा के बहुत सारे अर्थ होते हैं और कभी-कभी ज्यादा प्रशंसा हानि भी पहुंचाती है…!
– राईट टू हेल्थ योजना को लेकर 2012 में अभिनेता आमिर खान के कार्यक्रम सत्यमेव जयते के एक एपिसोड में इनके साथ हुई चर्चा को प्रसारित किया गया था, इसके बाद से समित शर्मा पूरे देश में सुर्खियों में आ गए थे… भ्रष्टाचारी नेताओं की आंख की किरकिरी बने समित शर्मा का पिछली सरकार में 4 साल में 8 बार तबादला किया गया… तबादलों के दौरान भी वह अपने अनूठे फैसलों को लेकर चर्चा में रहे, जयपुर में संभागीय आयुक्त की नियुक्ति के दौरान समित शर्मा ने अपने कार्यालय के बाहर मिलने के समय का बोर्ड लगाकर कुछ इस तरह से लिखा था… “मिलने का समय- कार्यालय समय पर कभी भी” लोगों ने उनके इस फैसले की जमकर तारीफ की थी…!
– समित शर्मा औचक निरीक्षण के मामले में भी चर्चित रहे, शिक्षक समाज द्वारा कई बार औचक निरीक्षण के मामलों को लेकर उनके खिलाफ विरोध भी किया गया… 2008 से 2011 के मध्य समित शर्मा नागौर व चित्तौड़गढ़ के जिला कलेक्टर रहे, अपने कुशलता पूर्वक कार्यों की वजह से इन्होंने लोगों के दिल में जगह बनाई… जब इनका तबादला किया गया तो आम नागरिकों व कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर तबादले का जमकर विरोध किया, तब इन्हें जनता का कलेक्टर कहा जाता था…!
– 2004 बैच राजस्थान के आईएएस समित शर्मा ने मसूरी, जयपुर में ट्रेनिंग के बाद 5 अगस्त 2006 को जोधपुर में एसडीएम पद से शुरुआत की… अपने अनोखे फैसलों को लेकर यह हमेशा चर्चित रहते हैं, सामाजिक न्याय विभाग में समित शर्मा की पहल पर अफसरों की लाइव लोकेशन देखने के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन डेवलप किया गया था, यह उनकी कार्यशैली की पारदर्शिता को दर्शाता है… यह तो हुई उनके पिछले कार्यकाल की बात…!
– वर्तमान में प्रदेश सरकार ने समित शर्मा को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सचिव पद पर लगाया है, विभाग की पहली ही समीक्षा बैठक में समित शर्मा ने आक्रामक तेवरों के साथ अफसरों को खरी-खरी सुना दी… “गलती इंजीनियर की हुई तो भी चीफ इंजीनियर जिम्मेदारी होगा, जीरो टॉलरेंस पर काम करना होगा, लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी”… जलदाय विभाग सचिव बनने के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जब समित शर्मा का बैकग्राउंड खंगाला तो चौंकना स्वाभाविक था… पर काजल की कोठरी वाले विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले धाकड़ मंत्री चौधरी को भी ऐसे ही ईमानदार व्यक्ति की जरूरत थी…!
– अब देखना यह है कि मंत्री व सचिव की यह ईमानदार जोड़ी क्या गुल खिलाएगी… क्या इस विभाग को भ्रष्टाचार के दलदल से निकाल पाएगी… विकास के मामले में 33वें नंबर पर पिछड़ रहे इस विभाग की रैंक में क्या सुधार हो पायेगा… यदि जलदाय विभाग को वास्तव में सकारात्मक परिणाम देखने हैं तो जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी को समित शर्मा के साथ पिच पर अंत तक डटे रहना होगा… कहीं ऐसा ना हो कि किसी और दमदार मंत्री या अफसरशाही का रुतबा ईमानदारी पर भारी पड़ जाए और समित शर्मा विभाग से ही रन आउट हो जाए…!
– डर तो यह भी है कि कांग्रेस में पाप करने वाले भाजपा में आकर गंगाजल से नहाने वाले चिलगोजे समित शर्मा से अपना पुराना बदला चुकाने के चक्कर में असली देसी घी को डालडा के अवगुणों से संचित ना कर दें… मंत्री महोदय आपको केवल इतना ही करना है कि समित शर्मा नाम के सरसों के इस नाजुक फुल को कांग्रेस की तरफ से आने वाले “मोयला के प्रकोप” से बचाना है… क्योंकि आजकल भाजपा के शहद की महक कांग्रेसी टांटियो को ज्यादा ही प्रभावित कर रही है… और भाजपा भी सौतन के बेटे को ज्यादा ही लाड- प्यार करने में लगी है… महोदय अगर आप समित शर्मा की ढाल बन पाएंगे तो यकीन मानिए- पेयजल के लिए किए जा रहे इस काम के पुण्य की फसल बहुत ही अच्छी उपज देगी…!
– और अंत में एक निवेदन जलदाय मंत्री जी आपसे यह भी है… हुकुम आपके जलदाय विभाग से अधिक दयनीय और बदहाल स्थिति मालपुरा नगरपालिका की है, बिना अफसरों के “बेवा” हो चुकी इस “बापड़ी” की भी सुध लीजिए… एक समित शर्मा जैसा ईमानदार अधिकारी यहां भी नियुक्त कर दीजिए, हुकम बड़ी मेहरबानी होगी… विकास को तरसते, तरक्की की बाट जोहते मालपुरा वासी हताशा होकर अपनी आंखें लाल कर चुके हैं थोड़ा सा गुलाब जल इन पर भी छिडक दीजिए… आपकी दिव्य दृष्टि इधर पड़ जाए तो “घणी खम्मा हुकुम”…!
अनन्त:
विपत्ति चाहे कितनी भी क्यों न मिले,
ईमानदारी के रास्ते नही बदलेंगे हम…!
झोपड़ी भले ही हमारी गिर जाए,
पर महलों से ईटे नही चुराएंगे हम… !!
#dr.Samit Sharma #pheddipartment @Onlinekanhiya #Bjp4Rajsthan
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