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पीएम स्वनिधि योजना, एनयूएलएम एवं शहरी क्रेडिट कार्ड योजना बेरोजगारों का बनी सहारा

पीएम स्वनिधि योजना, एनयूएलएम एवं शहरी क्रेडिट कार्ड योजना बेरोजगारों का बनी सहारा
टोंक, 8 फरवरी। देश के रेहड़ी पटरी पर फल बेचने वालों या कामगारों, श्रमिकों एवं शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनके काम को बढ़ाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। केंद्र सरकार की इस योजना के जरिए टोंक शहर में रहने वाले मोनू साहू, रामनारायण कुम्हार एवं पवन कुमार बैरवा की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और इनका काम बढ़ने से आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
मोनू साहू ने कचौरी-समौसा बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी
पीएम स्वनिधि योजना के तहत पथ विक्रेता बिना गारंटी के लोन के माध्यम से आर्थिक तौर पर मजबूत होकर अपने कारोबार को एक नई दिशा दे रहे हैं। जीवन में बदलाव की ऐसी ही कहानी है टोंक शहर के मेहंदीबाग घंटाघर निवासी कचौरी-समौसा का ठेला लगाने वाले मोनू साहू की। लॉकडाउन के कारण आई आर्थिक तंगी से परेशान मोनू साहू ने इस योजना के जरिए इंडियन बैंक से बिना गारंटी के 10 हजार रुपये का लोन लिया और कारोबार बढ़ाया। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। लाभार्थी ने बताया कि उनके द्वारा लिये गये लोन की किस्तों को समय रहते चुकाने पर 20 हजार का लोन दोबारा मिला जिसके कारण उनकी आजीविका अच्छे से चल रही है।

 

यदि सपनों को पूरा करने की कोशिश पूरी मेहनत से की जाएं तो सपने एक दिन पूरे हो ही जाते हैं। इन्हीं लोगों में से एक हैं टोंक शहर के अन्नपूर्णा डूंगरी निवासी रामनारायण कुम्हार। इन्होंने शहरी क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाते हुए यूनियन बैंक से बिना ब्याज का 50 हजार रुपये का ऋण लेकर अपने व्यवसाय में वृद्धि की। साथ ही, इन्होंने अपना खुद का व्यापार शुरू किया। रामनारायण कुम्हार ने बताया कि एनयूएलएम कार्मिकों ने मुझे इस योजना के बारे में बताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा पथ विक्रेताओं को अपने व्यवसाय में वृद्धि करने के लिए 50 हजार का लोन बिना ब्याज के दिया जा रहा है। कोरोना काल के दौरान मेरे घर की आर्थिक हालत काफी खराब थी। व्यवसाय नहीं होने के कारण मेरे पास व्यवसाय शुरू करने के लिए राशि नहीं थी। रामनारायण ने राज्य सरकार सहित यूनियन बैंक को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज व इस लोन के माध्यम से व्यवसाय कर अपने परिवार का पालन-पोषण बहुत ही आसानी से कर रहे है।
पवन कुमार बैरवा ने मेहनत के दम पर लिखी सफलता की इबारत
सरकारी योजनाओं और सेवाओं को जनता तक ऑनलाइन पहुंचाने के लिए राजस्थान में 2004 में ई-मित्र योजना शुरू की गई थी। इसके तहत ई-मित्र कियोस्क स्थापित हुए। टोंक शहर के अन्नपूर्णा डूंगरी के रहने वाले पवन कुमार बैरवा का मन कंप्यूटर में खूब लगता था। लेकिन उनके पास ई-मित्र खोलने के लिए कम्प्यूटर, प्रिंटर एवं अन्य उपकरणों की आवश्यकता थी। उन्हें सरकार द्वारा संचालित दीनदयाल अन्त्योदय योजना शहरी आजीविका मिशन में 2 लाख रुपये का ऋण दिये जाने की जानकारी मिली। पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने नगर परिषद कार्यालय से 2 लाख रुपये के ऋण फार्म भरा। 6 माह पश्चात यूनियन बैंक द्वारा उन्हें ऋण की राशि प्राप्त हो गई। इस ऋण से उन्होंने ई-मित्र खोलने के लिए कम्प्यूटर, प्रिंटर एवं अन्य आवश्यक उपकरणों को खरीदा। उन्होंने बताया कि अब मेरा रोजगार बेहतर तरीके से चल रहा है। हर माह ऋण की किस्ते देने पर पैसे का ज्यादा भार नहीं उठाना पड़ रहा है। पवन कुमार बैरवा ने इस योजना के लिए सरकार, नगर परिषद एवं यूनियन बैंक का आभार व्यक्त किया है।

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