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पालिका प्रशासन की कथनी और करनी में अंतर अतिक्रमणकारियों के आगे बेबस पालिका प्रशासन?

पालिका प्रशासन की कथनी और करनी में अंतर
अतिक्रमणकारियों के आगे बेबस पालिका प्रशासन ?

मालपुरा (टोंक) -मालपुरा शहर में अतिक्रमणकारियों के हौंसले दिनोंदिन बुलंद होते जा रहे है। दबंगई कर के अतिक्रमणकारी पालिका की बेशकीमती भूमि पर कब्जे करने में लगे हुए हैं। लेकिन पालिका प्रशासन पता नहीं क्यों गहरी नींद में सोया हुआ है? एक तरफ तो पालिका अधिशासी अधिकारी अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्यवाही करने की बात करते हैं तो वही दूसरी तरफ बेखौफ होकर अतिक्रमणकारियों द्वारा सरकारी भूमि और आम रास्ते पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इससे पालिका प्रशासन की कथनी और करनी में अंतर स्पष्ट नजर आ रहा है। शहर में सरकारी भूमि और आम रास्ते अतिक्रमण की भेंट चढ़ते जा रहे हैं। जिससे आमजन को तो समस्या उठानी ही पड़ रही हैं वही सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। मालपुरा शहर के अजमेर रोड़ पर स्थित लक्ष्मी विहार द्वितीय कॉलोनी में रॉयल ऑर्चिड रिसोर्ट के सामने अतिक्रमणकारियों द्वारा आम रास्ते पर अतिक्रमण कर चारों तरफ तारबन्दी कर ली गई है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि लक्ष्मी विहार द्वितीय पालिका द्वारा एक अप्रूव्ड कॉलोनी है। जिसमें गैर मुमकिन रास्ते पर अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर लिया है। साथ ही चारों तरफ पोल लगाकर और तारबंदी कर दी है। जबकि यह एक गैर मुमकिन आम रास्ता है। पालिका प्रशासन को कई बार लिखित में अवगत भी करवा चुके है लेकिन आज तक पालिका प्रशासन ने अतिक्रमण नही हटवाया है। बार बार कॉलोनी वासियो के द्वारा शिकायत करने पर भी पालिका प्रशासन द्वारा अतिक्रमण नहीं हटवाना पालिका प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करता है। क्या अतिक्रमणकारियों को पालिका प्रशासन की सह मिल रही हैं या फिर पालिका प्रशासन की मिलीभगत के कारण ही अतिक्रमण किए जा रहे हैं? नियमों की बात करें तो राजस्व अधिनियम 1956 की धारा (91) के तहत गैर मुमकिन रास्ते पर अतिक्रमण करने पर सजा का भी प्रावधान है।

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