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स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व सरकार की उपेक्षा का शिकार हुआ आजादी से पहले का विद्यालय।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व सरकार की उपेक्षा का शिकार हुआ आजादी से पहले का विद्यालय।

रा.उ.मा. वि. लाम्बाहरिसिंह में 36 में से 24 पद रिक्त।
गत वर्ष 528 था नामांकन अध्यापको की कमी के चलते नामांकन घटकर रहा 470 तथा वर्तमान में केवल 12 कर्मचारी कार्यरत। कार्यभार की अधिकता के चलते छात्रों की पढ़ाई का भारी नुकसान। केवल 09 अध्यापकों के भरोसे 17 कक्षाएं संचालित।

लाम्बाहरिसिंह – किस सोच में हैं आइने को आप देख कर मेरी तरफ़ तो देखिए सरकार क्या हुआ -मशहूर शायर अनहर दहलवी की यह पंक्तियां शिक्षा विभाग व राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करती है। आजादी के समय से ऐतिहासिक किले में चलने वाला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लाम्बाहरिसिंह आज स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व शिक्षा विभाग व राजस्थान सरकार की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। यह विद्यालय 1901 में प्राथमिक 1946 में उच्च प्राथमिक और 1956 से उच्च माध्यमिक विद्यालय के रूप में संचालित हो रहा है। आजादी के समय से यह विद्यालय क्षेत्र में सबसे बड़ा विद्यालय था। जहां दूर दराज से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आया करते थे। जहां आज इस विद्यालय में 36 पद स्वीकृत हैं जिसमें से 24 पद रिक्त चल रहे हैं। शेष 12 कर्मचारियों पर कार्यभार की अधिकता व कागजी व कार्यालय के अत्यधिक कार्यभार के चलते छात्र छात्राओं को पढ़ाई का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।पिछले कई महिनों से शिक्षा विभाग व राज्य सरकार की कुंभकरणी नींद के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है। जबकि गत वर्ष 2021- 22 में विद्यालय में नामांकन 528 था जो कि इस वर्ष अध्यापको की कमी के चलते नामांकन घटकर 470 ही बचा है, जो कि लगातार घटता जा रहा है।

विद्यालय में स्वीकृत पदों की स्थिति-
विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद पिछले 18 माह से रिक्त चल रहा है। लम्बे समय से उप प्रधानाचार्य का पद रिक्त चल रहा है। विद्यालय में 11 पद व्याख्याता के स्वीकृत है। जिसमें से 06 पद रिक्त है। जिसमें 2 पद भूगोल,1 पद राजनीति विज्ञान,1 पद हिन्दी अनिवार्य, एक पद हिंदी साहित्य व एक पद रसायन विज्ञान का लंबे समय से रिक्त चल रहा है
विद्यालय में 3 पद वरिष्ठ अध्यापक के स्वीकृत हैं। जिसमें से 1 संस्कृत व 1 गणित का पद रिक्त है। लेवल-2 अध्यापक के 3 स्वीकृत पदों में से गणित व हिंदी के पद रिक्त तथा लगभग 2 वर्ष से शारीरिक शिक्षक,विद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष, कार्यालय सहायक,कम्प्यूटर अनुदेशक, 03 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, 03 लेब बॉय पद रिक्त है। विद्यालय में 03 लैब असिस्टेंट के पद स्वीकृत हैं जिसमें से एक लगभग 2 वर्ष से लंबी छुट्टियों पर है।

विद्यालय पर अतिरिक्त भार-

एक तरफ विद्यालय में 36 में से 12 पदों पर ही कर्मचारी कार्यरत है और उन पर विभागीय सूचनाओं व कार्यालयी कार्यभार इतना अधिक है कि अपने कार्य को पूरा करने में अधिकांश समय चल जाता है और बच्चों को पढ़ाई का नुकसान उठाना पडता है। साथ ही विद्यालय के पास पीईईओ का दायित्व भी है। जिसके अधीनस्थ 05 सरकारी व 13 निजी विद्यालय आते हैं। विद्यालय के पास बोर्ड परीक्षा का कक्षा 8,10 व 12 का केंद्र का दायित्व भी है। जिसमें लगभग 50 स्कूलों के बच्चे बोर्ड परीक्षा में बेठते हैं। इसके अलावा स्काउट का 50 स्कूलों का एक स्थानीय संघ भी बना हुआ है। इसके अलावा अटल टिंकरिंग लैब, राष्ट्रीय सेवा योजना प्लस टू स्तर,मिड डे मील, खेलकूद प्रतियोगिता, व जरूरी पत्रावलियों में अध्यापकों का सारा समय निकल जाता है।

विद्यालय की उपलब्धिया-

आजादी से पूर्व संचालित इस विद्यालय में पढे हुए छात्र आज राज्य सरकार, केंद्र सरकार की सरकारी सेवाओं में तथा विदेशों में उच्च पदो पर चयनित होकर विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं।
09 अध्यापक मिलकर 17 कक्षाएं संभाल रहे हैं। 09,10,11वीं कक्षा में 2-2 वर्ग व 12वीं में 3 वर्ग प्रत्येक में 90 से अधिक छात्र-छात्राएं हैं। विद्यालय में सत्र 2021-22 में 12 वी विज्ञान वर्ग में सभी सभी बच्चे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण रहे। वही 12 वी कला वर्ग में 49 में से 42 प्रथम श्रेणी व 7 द्वितीय श्रेणी से उतीर्ण हुए। कक्षा 10 का परिणाम भी उत्कृष्ट रहा। विद्यालय में केंद्र सरकार की नीति आयोग से संचालित अटल टिंकरिंग लैब संचालन किया जा रहा है तथा विद्यालय में व्यवसायिक शिक्षा का भी संचालन शुरू हो गया है। जिस पर 2 पद स्वीकृत हैं। जिसमें से एक पद रिक्त है। विद्यालय के व्याख्याता मनोज कुमार प्रजापत की उत्कृष्ट सेवाओं से हर कोई प्रभावित है। स्कूल समय के बाद अतिरिक्त कक्षाएं लेना व सामाजिक सरोकार के लिए इनकी अलग ही पहचान है।

विद्या सम्बल से बनी थी आश लेकिन स्थिति जस की तस-
कार्यवाहक प्रधानाचार्य राकेश अजमेरा ने बताया कि रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विद्या सम्बल योजना से रिक्त पद भरे जाने की उम्मीद थी लेकिन विद्या सम्बल योजना के निरस्त हो जाने के बाद स्थिति जस की तस बनी हुई है, तथा उच्च अधिकारियों को स्थिति से अवगत करवा दिया गया है।

हाल ही में आयोजित खेलों में विद्यालय की भूमिका-

प्रतियोगिताओं में 12 छात्र छात्राओं का राज्य स्तर पर हुआ चयन:- खेल प्रभारी वरिष्ठ अध्यापक रामेश्वर लाल जाट ने बताया कि लगभग 2 वर्ष से विद्यालय में शारीरिक शिक्षक का पद रिक्त चल रहा है। इसके बावजूद विद्यालय के छात्र छात्राओं ने मेहनत करते हुए 12 बच्चों का राज्य स्तर पर चयन हुआ है जो अपने आप में विद्यालय के लिए गौरव की बात है। साथ ही गत दिनों विद्यालय के एनएसएस के 2 विद्यार्थी तथा प्रधानाचार्य को राज्य स्तर पर बीकानेर में सम्मानित किया गया है।

ग्रामीणों में भारी आक्रोश-

अध्यापकों की लगातार कमी के कारण ग्रामीणों में भारी रोष है। अगर जल्दी ही रिक्त पद नहीं भरे गये तो आंदोलन किया जायेगा तथा ग्रामीण आंदोलन व अनशन करने के लिए तैयारी कर कर रहे हैं। प्राण वायु मिशन के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल, एस डी एम सी सदस्य धारू माली,सामाजिक कार्यकर्ता नोरत मल वर्मा, समाज सेवी पंकज जैन, शशि नामा,सहित अन्य ग्रामीणों में भारी रोष व्यापत है।

इनका कहना है – 1. पंचायत समिति सदस्य रुपचंद आकोदिया – शिक्षा विभाग व राज्य सरकार कुंभकरणी नींद में सोई हुई है। जिससे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। समय रहते पद नहीं भरे गए तो बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों को साथ लेकर विद्यालय की तालाबंदी की जाएगी।
2. अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी टोंक – चौथमल चौधरी- शिक्षा विभाग को रिक्त पदों को भरने के लिए पत्र लिखा जाएगा तथा विद्यालय में अन्य विद्यालय से अध्यापक लगाकर छात्र-छात्राओं का पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

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