आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केंद्रों में आवश्यक सुधार लाकर बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें-उपनिदेशक सरोज मीणा
उपनिदेशक मीणा ने जिले की विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया
टोंक, 25 मई। महिला एवं बाल विकास के शासन सचिव डॉ. मोहन लाल यादव के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक सरोज मीणा ने शनिवार को जिले की विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपखंड निवाई की चक विजयपुरा आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिलने पर उपनिदेशक ने संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं महिला पर्येवेक्षकों को केंद्र पर कार्यरत कार्मिकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उपनिदेशक मीणा ने समस्त सीडीपीओं एवं महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए कि उड़ान योजना के तहत राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपेशन (आरएमसीएल) द्वारा आंगनबाड़ी कंेद्रांे पर वितरित की जाने वाली निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन का निरीक्षण करते समय सभी सीडीपीओं एवं पर्यवेक्षक नैपकिन की रसीद की जांच, वितरण, समापन स्टॉक एवं उत्पादन की तारीख देखेंगे। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखा जाएं कि नैपकिन का स्टॉक पुराना नहीं हो इसलिए सेनेटरी नैपकिन के वास्तविक वितरण और तारीख के बारे में 2 या 3 लाभार्थियों से भी संपर्क करना सुनिश्चित करें।
उपनिदेशक सरोज मीणा ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि बच्चों को खेल-खेल में और चार्ट के माध्यम से वर्णमाला, अल्फाबेट, अंको की गिनती, रंग व आकृतियांे की पहचान, बॉडी पार्ट के नाम, फलों व सब्जियों के नाम, जानवरों व पक्षियांे की पहचान एवं वर्कबुक किलकारी, उमंग, फुलवारी पर बच्चों के साथ गंभीरता से कार्य किया जाएं। उन्होंने केंद्रों पर बच्चों को दिए जा रहे दैनिक पोषाहार एवं पोषक तत्व एवं सप्लीमेंटस की जानकारी ली। साथ ही, बच्चों की विगत 5 दिन रही उपस्थिति को और बढ़ाने के निर्देश दिए। उपनिदेशक ने कहा कि दैनिक पोषाहार में शामिल किए जाने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बच्चों की मां की काउंसलिंग करना बेहद जरूरी है। इसे लेकर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला पर्यवेक्षक कार्य करें। महिला एवं बच्चों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। इसके लिए गर्भवती महिला एवं होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को ट्रेक किया जाना चाहिए। गर्भवती महिला एनीमिया से पीड़ित नहीं होनी चाहिए। एनीमिया पीड़ित महिला द्वारा जन्म दिए गये शिशु के भी एनीमिया से पीड़ित होने की संभावना बनी रहती है। जिन नवजात शिशुओं का वजन कम होता है व कुपोषण का शिकार रहते है। इसलिए एनीमिया से बचाव के लिए महिला एवं बच्चों के सामाजिक, आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाना चाहिए। उपनिदेशक मीणा ने निर्देश दिए कि महिला एवं बच्चों के खाने में 5 न्यूट्रिशन का समावेश कैसे हो इसके लिए खानपान को ध्यान में रखते हुए डाइट चार्ट बनाया जाए। निरीक्षण के दौरान सीडीपीओ किरण मीणा, संगीता दीपक, गरीमा शर्मा एवं महिला पर्यवेक्षक शगुफ्ता खान समेत अन्य कार्मिक मौजूद रहे।