तारबंदी योजना फसल सुरक्षा के लिए वरदान- के. के. मंगल
जिले को मिला 13 लाख 7 हजार मीटर का लक्ष्य, गत वर्ष के मुकाबले सात गुना अधिक ।
जिले के कांटेदार तार एवं सीमेन्ट पोल विक्रेताओं की बैठक सम्पन्न।
टोंक – 28 जून,
बम्बोर गेट स्थित कृषि विभाग के आत्मा सभागार में जिले में कांटेदार तार एवं सीमेन्ट पोल निर्माता एवं विक्रेताओ की बैठक बुधवार को कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के.के. मंगल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमे तारबन्दी योजना की जानकारी दी गई। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के.के. मंगल ने कहा कि जिले में नीलगाय, आवारा पशुओं एवं अन्य जंगली जानवरों द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए किसानो के खेतों पर राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के अंतर्गत कांटेदार चेनलिंक तारबंदी के लिए राज्य सरकार ने अनुदान का प्रावधान किया है।
तारबंदी योजना के तहत लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए लागत का 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 48000 रूपये एवं अन्य कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 40000 रूपये अनुदान देय होगा। कृषकों द्वारा समूह (10 या 10 से अधिक किसान एवं 5 हैक्टर से अधिक भूमि) में तारबंदी करवाये जाने पर प्रत्येक किसान को इकाई लागत का 70 प्रतिशत अथवा 56000 रू. प्रति कृषक अनुदान देय होगा।
तारबन्दी योजना के तहत पात्रता
तारबंदी योजना के तहत सभी श्रेणियों के वे कृषक आवेदन कर सकते है, जिनके पास न्यूनतम 1.5 हैक्टर जमीन हो। एक कृषक समूह में न्यूनतम 2 कृषक व न्यूनतम 1.5 हैक्टर जमीन होना आवश्यक हैं। सामुदायिक स्तर पर तारबंदी में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टर भूमि होना आवश्यक हैं। तारबंदी के लिए समूह में आवेदक पति-पत्नी दोनों होने पर नियमानुसार दोनों ही अनुदान के लिए पात्र होंगे तथा व्यक्तिगत आवेदन की स्थिति मेंं पति-पत्नी को अलग-अलग आवेदन करना होगा तथा दोनों के हिस्से में निर्धारित कृषि भूमि हैं तो दोनों अलग-अलग अनुदान के लिए पात्र होंगे।
राज्य सरकार द्वारा मन्दिर भूमि के संरक्षक (पुजारी) को भी तारबंदी योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र माना है। प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर की सीमा तक अनुदान देय होगा। कृषक को अनुदान के लिए जनाधार कार्ड संख्या देना अनिवार्य होगा।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के.के. मंगल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा टोंक जिले को वर्ष 2023-24 के लिए 13 लाख 7 हजार मीटर लम्बाई में तारबंदी करवाये जाने का लक्ष्य दिया गया है। गत वर्ष 1 लाख 96 हजार मीटर का शत प्रतिशत पूर्ति कर राज्य में प्रथम स्थान पर रहा था।
संयुक्त निदेशक मंगल ने कृषको से अपील की है कि वे अपने फसल को जंगली जानवरो से सुरक्षा के लिए तारबंदी कार्यक्रम के तहत लाभ लेने के लिए अवश्य आवेदन करें। सभी पात्र कृषकों द्वारा विभागीय मापदण्ड अनुसार तारबंदी का निर्माण किये जाने के बाद उसका भौतिक सत्यापन किया जायेगा। इसके सही पाये जाने पर नियमानुसार अनुदान राशि किसान के जनाधार से जुडे बैंक खाते में हस्तान्तरित की जायेगी। किसान विस्तृत जानकारी के लिए निकटतम किसान सेवा केन्द्र पर कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क कर सकते है या अपने मोबाईल में राज किसान सुविधा ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपने खाते को जनाधार कार्ड नम्बर द्वारा सक्रिय करवा सकते है जिससे कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी आसानी से सुलभ हो सकेंगी। इस अवसर पर कृषि अधिकारी मिशन श्योजी राम यादव, कृषि अनुसंधान अधिकारी मुकेश कुमार जाट, कृषि अधिकारी सामान्य कजोड़ मल गुर्जर, सहायक कृषि अधिकारी मनीष कुमार मीणा, तकनीकी सहायक राकेश कुमार बैरवा सहित अनेक कांटेदार तार एवं सीमेन्ट पोल के निर्माता एवं विक्रेता मौजूद थे।