गन्दगी से जनता हुई त्रस्त, पालिकाध्यक्ष प्रतिष्ठानों के शुभारंभ करने में व्यस्त…?
मालपुरा (टोंक)। नगर पालिका मालपुरा के वर्तमान हालात अंधेर नगरी चौपट राजा जैसे हो गए हैं, जिसका कोई धणी धोरी नहीं है। शहर में जगह जगह कूड़े कचरे के ढेर जमा हो रखे हैं। जगह जगह पालिकाकर्मियों ने गन्दगी के ढेर लगाकर डम्पिंग यार्ड बना दिए। नालियों में कीचड़ भरा पड़ा है, साफ सफाई की व्यवस्था चौपट सी हो गई। लेकिन पालिका प्रशासन आंखे मूंदकर बैठा है। अतिक्रमण को लेकर पालिका प्रशासन कीआंखों में कुछ दिनों के लिए जरूर हलचल हुई थी, फिर ढाक के तीन पात जैसे हालात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की मालपुरा नगर पालिका द्वारा खुल्ले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
एक तरफ तो शहर में गन्दगी से जनता त्रस्त हो गई है, वहीं दूसरी तरफ पालिकाध्यक्ष प्रतिष्ठानों के शुभारंभ करने में व्यस्त हैं। अगर ऐतिहासिक झालरा तालाब की बात की जाए तो तालाब की पाल के सौंदर्गीकरण को लेकर पालिका प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री बजट घोषणा के अंतर्गत लगभग 56 लाख रु की लागत से सीसी रोड का निर्माण करवाया गया था। कुछ दिनों तक यहाँ पर लोगों की चहलकदमी रही फिर गन्दगी और बदबू के कारण लोगों की आवाजाही बंद हो गई। अब तो आमजन और राहगीर बदबू के कारण लाखों रु की लागत से बनी इस सड़क से गुजरने से भी कतराते हैं। तालाब की पाल पर रोशनी के लिए विद्युत पोल लगाए गए थे, कुछ दिन रोशनी रहने के बाद ‘चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात’ जैसे हालात हो गए। विद्युत पोल पर लगी सभी लाइटे खराब होकर पड़ी है। वही मीट की दुकान करने वाले दुकानदारों द्वारा जगह जगह मुर्गे के पंख व अपशिष्ट फेंकने के कारण चारों तरफ अपशिष्ट पदार्थ बिखरे पड़े हुए हैं। लेकिन पालिका प्रशासन ने आज तक कोई ठोस कार्यवाही नही की। आखिर पालिका प्रशासन कब इस पाल की सुध लेगी ?