21वीं पशुगणना बहुमूल्य पशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी -डॉ. छोटू लाल बैरवा
पशुगणना जैसे महत्वपूर्ण कार्य में कार्मिकों की लापरवाही स्वीकार नहीं
टोंक, 2 सितंबर। मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत-सरकार द्वारा 21 वीं पशुगणना माह सितंबर से दिसंबर-2024 तक आयोजित की जाएगी। 21वीं पशु गणना को लेकर प्रगणकों एवं सुपरवाईजर को मोबाइल ऐप पर डेटा फीडिंग एवं स्क्रूटनी का प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि प्रशिक्षण संस्थान, बमोर गेट टोंक में आयोजित किया गया।
पशुगणना प्रशिक्षण में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. छोटू लाल बैरवा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित प्रगणकों, सुपरवाईजर, चिकित्सकों, जलधारी, पशु परिचर एवं गडरियों को संबोधित करते हुए कहा कि 21 वीं पशु गणना पशुओं के संवर्धन एवं इनकी विलुप्त होती प्रजातियों के लिए संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। पशुगणना जैसे महत्वपूर्ण कार्य में किसी भी कार्मिक की लापरवाही एवं उदासीनता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
संयुक्त निदेशक डॉ. बैरवा ने कहा कि पशुओं की गणना पशुपालकों को प्रोत्साहित करेगी और उनकी सुदृढ़ आजीविका में संबल प्रदान करेगी। आज के आधुनिक जीवन में पशुधन संरक्षण अत्यधिक आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गणना और सर्वे सरकारों को योजनाएं बनाने में मदद करती हैं। भारत की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी गांवों में निवास करती है। हमें अपनी व पंरपरागत जीवन शैली को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए पशुधन संरक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पहली बार ऑनलाइन पशुधन गणना की जा रही है, इसलिए पोर्टल पर फीड किए जाने वाले डाटा सही व पुंष्ट हो। संयुक्त निदेशक ने कहा कि पशुपालकों की आजीविका का सबसे महत्वपूर्ण आधार पशुपालन है। पशुपालकों की आय उनके बहुमूल्य पशुओं पर टिकी है।