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जिला कलेक्टर ने रीको क्षेत्र में वन डिस्क्टिट वन प्रोडक्ट की संभावनाओं को तलाशा

जिला कलेक्टर ने रीको क्षेत्र में वन डिस्क्टिट वन प्रोडक्ट की संभावनाओं को तलाशा
टोंक, 31 जुलाई। आर्थिक उन्नति एवं सामाजिक उत्थान के लिए औद्योगिकीरण जरूरी है। औद्योगिक विकास बढ़ाने से रोजगार के अधिक अवसर सृजित होते है। साथ ही, लोगों का जीवन स्तर ऊंचा होता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इसी को ध्यान में रखते हुए बजट में ’’वन डिस्क्टिट वन प्रोडक्ट’’ पॉलिसी 2024 की घोषणा की है। राज्य के प्रत्येक जिले में एक्सपोर्ट हब बनाए जाने के लिए इसके क्रियान्वयन पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

टोंक जिला भी नमदे के सामान एवं सरसों की फसल से तेल उत्पादन में अपना अग्रणी स्थान रखता है। इस क्षेत्र में जिले के लोगों को और अधिक फायदा मिले। इसी को लेकर जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा प्रयासरत है। उन्होंने टोंक रीको क्षेत्र में नमदे के विभिन्न सामान को स्थानीय स्तर पर तैयार कर निर्यात करने तथा सरसों के तेल उत्पादन की प्रक्रिया को मौके पर जाकर समझा।

साथ ही, इस क्षेत्र में काम कर रहे स्थानीय व्यापारियों से बात कर इस क्षेत्र में और विकास की संभावनाओं को तलाशा। जिला कलेक्टर ने व्यापारियों से इस क्षेत्र में आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से जाना।
जिला कलेक्टर ने दोनों क्षेत्र की फैक्ट्रियों में लगभग 2 घंटे भ्रमण कर कच्चे मॉल से बाजार में आने तक सामग्री की कार्य प्रणाली की पूरी प्रक्रिया को देखा। इस दौरान जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुल्तान सिंह मीणा, रीको के एमडी सीताराम मीणा भी मौजूद रहे।

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