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जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से टोडारायसिंह उपखंड केकडी जिले में हुआ शामिल।

रिपोर्ट – गोपाल नायक

विधानसभा का बदला भूगोल,जनआंदोलन से टुकडे-टुकडे होने से बचा मालपुरा।

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से टोडारायसिंह उपखंड केकडी जिले में हुआ शामिल।
मालपुरा (टोंक) –
मालपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले चार माह से चल रहे जन आंदोलन के तहत व्यास सर्किल पर आयोजित धरने पर बैठे लोगों में मुख्यमंत्री की प्रेस वार्ता के बाद मायूसी छा गई। पिछले चार माह से चल रहे आंदोलनरत लोगों एवं क्षेत्रवासियों की जिला बनाने की मांग के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा मालपुरा को जिला घोषित किए जाने की उमीद थी लेकिन शुक्रवार को केबिनेट की बैठक में प्रदेश में तीन संभागों एवं 17 जिलो का नोटिफिकेशन जारी किया गया। जिसके बाद आंदोलन से जुडे लोगों में व धरनार्थियों में मायूसी व्याप्त हो गई। जनता के द्वारा लगातार जनआंदोलन किए जाने से सबसे बडा फायदा यह हुआ कि मालपुरा क्षेत्र टुकडे-टुकडे होने से बच गया। लेकिन टोडारायसिंह उपखंड क्षेत्र को केकडी में शामिल किए जाने से भी आमजनता में गहरा आक्रोश है। बिना जनप्रतिनिधियों के सहयोग के आमजनता ने आंदोलन कर मालपुरा की साख को बचाने का काम किया। जिसके चलते मालपुरा क्षेत्र टूटने से बच गया।

सम्पूर्ण आंदोलन के दौरान मालपुरा की आमजनता ने नहीं जाएंगे दूदू – केकड़ी.. के नारे को सार्थक किया। धरनार्थियों ने कहा बिना नेताओं के और बिना जनप्रतिनिधियों के सहयोग के बावजूद मालपुरा की आवाम के संघर्ष करने से मालपुरा को यथास्थिति बनाए रखने में हम कामयाब रहे। धरनार्थियों ने कहा कि जिला नहीं मिला इस बात का दु:ख है लेकिन आमजनता के संघर्ष ने मालपुरा के टुकडे होने से बचा लिया है। यह भी हम मालपुरावासियों की जीत ही है। भविष्य में कभी जिले बनेंगे तो मालपुरा जिला बनने के योग्य तो रहा। वही धरनार्थियों व मालपुरा की आमजनता में गहलोत सरकार के खिलाफ आक्रोश दिखाई दिया। इधर केबिनेट की बैठक में जिलो का नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद प्रदेश में जिलों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने प्रदेश में आचार संहिता से पहले नए जिले व संभाग बनाने की घोषणा की है तथा बताया है कि करीब 6 से 8 और नए जिले बन सकते है। मुख्यमंत्री गहलोत ने रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल 6 माह ओर बढ़ाकर भविष्य में जिले बनने की संभावनाओं को जन्म दिया है। बताया गया है कि अब उचित समय देखकर कमेटी रिपोर्ट के आधार पर फैसला होगा और 17 नए जिलों के अनुभव का फायदा मिलेगा।

इधर कोर कमेटी सदस्य महावीर बड़गुर्जर ने बताया कि मालपुरा को जिला बनाओ और कमेटी के सदस्यों और क्षेत्र की समस्त जनता को गर्व होना चाहिए कि हम अपना अस्तित्व बचाने में कामयाब रहे। जिन लोगों ने इसमें सहयोग दिया उन सभी का हार्दिक आभार जताया। बड़गुर्जर ने कहा कि आने वाले समय में भी यह लड़ाई जारी रहेगी और एक न एक दिन मालपुरा जिला अवश्य बनेगा। इधर टोडारायसिंह को केकडी जिले में शामिल किए जाने की दशा में विधानसभा का भूगोल ही बदला गया है। कोर कमेटी सदस्य जतन चौधरी ने कहा कि अभी भी संभावनाएं समाप्त नहीं हुई है तथा उन्हें मुख्यमंत्री की सह्रदयता एवं कार्यशैली पर पूर्ण विश्वास है। मुख्यमंत्री ने किसी को निराश नहीं किया है ऐसे में मालपुरा के जिला बनने की पूर्ण संभावनाएं व्याप्त है। वहीं धरनार्थी महफूज मास्टर, विमला बुआ, प्रेम कंवर, रमेश पारीक, कालूराम खटवारिया, राजाराम शर्मा, मोंटी जाट ने मालपुरा को जिला बनाने के आंदोलन को निरंतर जारी रखने की बात करते हुए कहा कि जब तक गहलोत सरकार मालपुरा को जिला घोषित नही करेगी तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

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