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घुमंतू जातियों की ललकार नारकीय जीवन से मुक्ति दो सरकार

घुमंतू जातियों की ललकार नारकीय जीवन से मुक्ति दो सरकार

घुमंतू जाति की स्थाई निवास के लिए अध्यादेश लाने की मांग

मालपुरा (टोंक) – प्रदेश की गहलोत सरकार के 27 दिसम्बर 2021 को चरागाह भूमि पर पट्टे देने के आदेश के बावजूद आजादी के बाद से चरागाह भूमि पर बिना पानी बिजली तथा मूलभूत सुविधाओं के नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर घुमंतू जाति को स्थाई आवास के लिए पट्टा नहीं मिल पाया है। प्रदेश भर में लाखों घुमंतू जाति के लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहे हैं तथा नि:शुल्क पट्टा नहीं मिल पाने के कारण आजादी के बाद से ही यह लोग बिना पानी -बिजली के खुले आकाश के नीचे फटे पुराने कपड़ों और सड़कों से उतारे गए पुराने पोस्टरों के टेंट में जीवन गुजारने के लिए मजबूर हैं।
अब भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के नेतृत्व में घुमंतू जातियों ने जहां वे लंबे समय से रह रहे हैं वहीं पर नि:शुल्क पट्टा तथा आवास एवं अन्य मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अध्यादेश लाने की मांग शुरू कर दी हैं।
भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के अध्यक्ष अनीष कुमार नाडार जो कि आधार के नामकरणकर्ता, ऑल कोचिंग इंस्टिट्यूट महासंघ के अध्यक्ष के रूप में जयपुर में लगभग एक हजार करोड़ का कोचिंग हब रियायती दर पर कोचिंग संस्थानों को दिलवाने, तीस हजार छात्रों को अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत लगभग तीन सौ करोड रुपए सालाना सरकार से मदद दिलवाने, लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, आदि से किराया माफी की अपील करवा पूरे देश में गांधीवादी तरीके से मकान मालिकों तथा बड़े मॉल मालिकों से लगभग 8 हजार करोड़ रूपया किराया माफी करवाने के सफल आंदोलनों के सूत्रधार तथा देश के महान रणनीतिकारों में से एक अनीष कुमार नाडार ने बताया कि यह जानकर बड़ा आश्चर्य होता है की आजादी के बाद से ही लाखों की संख्या में घुमंतु जातियां हमारे गांव कस्बों और शहरों में बसी हुई है। लेकिन इस बीच जो हजारों पट्टे तथा आवास बना कर दिए गए उनका लाभ इन्हें नहीं मिल पाया है। वहीं आज भी गांव कस्बों और शहरों में कुछ लालची लोग बीपीएल कार्ड बनाकर अमीर होने के बावजूद इन गरीबों
के हक को हड़प रहे हैं। भारत जोड़ो मिशन सोसायटी के पदाधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों तथा समाज के नेताओं पर समाज के गरीब तबके को अपनी उन्नति के लिए इस्तेमाल कर फेंक देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2021 में गोचर भूमि में लंबे समय से रह रहे गरीब नागरिकों को पट्टा देने का आदेश लेकर आए लेकिन उस आदेश के बावजूद न तो किसी राजनेता ने ना ही समाज के किसी नेता ने और ना ही प्रशासन के किसी अधिकारी ने गरीब नागरिकों को पट्टे प्राप्त करने में मदद की। उसके बाद लगभग 6 महीने बाद इस आदेश पर माननीय न्यायालय का स्थगन आदेश आ गया उसके बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्थगन आदेश के अध्याधीन शर्तों के आधार पर चरागाह भूमि पर लंबे समय से बसे नागरिकों को पट्टे देने के आदेश दिए लेकिन फिर से किसी ने इस गरीब जाति के उत्थान के लिए काम नहीं किया। अब अग्रिम आदेश तक पूर्ण रूप से स्थगन के आदेश आने के बाद इसी माह के 10 तारीख को सरकार ने अग्रिम आदेश तक चरागाह भूमि पर पट्टे देने पर रोक लगा दी है।
भारत जोड़ो मिशन सोसायटी के अध्यक्ष अनीष कुमार नाडार ने घुमंतू जाति को नारकीय जीवन से मुक्ति दिलाने के लिए अध्यादेश लाने की मांग करते हुए भारत की आजादी के बाद से सत्ता में रहे पंचायती राज मंत्रियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कभी भी इस गरीब जाति का आंकड़ा तैयार नहीं करवाया। यही कारण है कि जब भी आदेश आए पंचायतों में नाम दर्ज नहीं होने के कारण इनके हिस्से के पट्टे उन लालची लोगों ने हड़प लिए जो जमींदार हैं या अमीर हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए।
भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के नेतृत्व में घुमंतू जातियां लगातार तेजी से जुड़ती जा रही हैं और भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के नशा मुक्ति बाल विवाह प्रथा तथा अन्य कुरीतियों से मुक्ति के लिए भी शपथ लेकर साथ हो रहे हैं। इसी क्रम में मालपुरा में आज शपथ समारोह तथा समारोह के बाद उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन के साथ आवास विहीन घुमंतू जातियों की लिस्ट सौंपी जाएगी। इस दौरान घुमंतू जाति के पंच पटेल तथा हजारों समाज के कार्यकर्ता उपस्थित होंगे।

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