रेल सेवा शुरू करवाने की जिम्मेदारी सांसद व विधायक की – शिमला चौधरी
मालपुरा (टोंक) – विगत लंबे अरसे से रेलवे लाइन की बाठ जोह रहे मालपुरा क्षेत्रवासियों में एक बार फिर से रेल सेवा से जोड़े जाने की मांग ने जोर पकडना शुरू कर दिया है। यहां रेल सेवा को दोबारा शुरू करवाए जाने का मुद्दा इतना बड़ा मसला है कि यहां से दो बार जीत दर्ज करने वाले विधायक एवं सांसद ने मालपुरा में फिर से रेल चालू कराने के वादे पर ही जनता ने अपना मत एवं भारी समर्थन देकर उनको विजयी बनाया था।
सांसद व विधायक ने जीत के साथ ही सत्ता में अपनी कुर्सी तो हासिल कर ली, लेकिन कुर्सी मिलने के बाद भी इस वादे की कसौटी पर खरा उतरने में विफल रहे है। नेताओं और जनप्रतिनिधियों की वादा खिलाफी के चलते आज भी मालपुरावसी रेल परिवहन की सुविधा से वंचित ही है।
खास बात तो यह भी हैं कि कड़ी से कडी जोडने के नाम पर केंद्र से लेकर नगर निकाय तक सत्ता में भाजपा के काबिज होने के बावजूद भाजपा के जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मुद्दे को हर बार सिर्फ चुनावी साल में याद कर वोट तो हासिल कर लिए जाते हैं फिर यह मुद्दा वापस ठंडे बस्ते में चला जाता है। सांसद व विधायक द्वारा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भी इस बारे में किसी तरह की कोई कोशिश तक भी नहीं की गई है। जिसको लेकर जनता में दोनों ही जनप्रतिनिधियों के प्रति गहरा आक्रोश व्याप्त है। इसी का नतीजा है कि कभी रेल के इंजन की सीटी से गुलजार रहने वाली मालपुरा नगरी के वाशिंदे यहां से रेल की पटरियां उखडने के बावजूद नेताओं के किए वादों के भरोसे यहां एक बार फिर से रेल के पहुंचने का महज इंतजार ही किए जा रहे है।
खास बात यह है कि अब तो इस इंतजार की भी इंतेहा हो चुकी हैं जिसके चलते मालपुरावासियों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है।
इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर से आवाज उठाई है मालपुरा पंचायत समिति के वार्ड 10 से सदस्य शिमला चौधरी ने, जिन्होंने मालपुरा क्षेत्र में रेल सेवा शुरू कराने को सांसद एवं विधायक की जिम्मेदारी बताया है।
शिमला चौधरी ने कहा कि यहां की जनता से रेल के नाम पर वोट हासिल कर दो बार जीत दर्ज करने वाले सांसद एवं विधायक ही मालपुरा को एक बार फिर से रेल सेवा से जोडने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे देश में कड़ी से कडी जोडने के नाम पर केंद्र से लेकर स्थानीय नगर निकाय तक में सत्ता तक पहुंची भाजपा सरकार के सांसद व विधायक की मालपुरा-टोडारायसिंह क्षेत्र के लिए 9 वर्षों की यदि कोई बडी उपलब्धि हो तो बताएं।
केवल ग्रेवल सडको, एनीकटों, सामुदायिक भवनों व चहेतों को छोटे-मोटे ठेके दिलवाने को ही क्षेत्र का विकास समझते है तो उनकी बहुत बड़ी भूल है। चौधरी ने कहा कि इस बार जनता जागरूक है। तथा उनके इस खेल को समझ रही है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जनप्रतिनिधियों को मिलने वाले करोडों रूपयों के कोष के बावजूद आज तक क्षेत्र में केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल अथवा पुलिस ट्रैनिंग सेन्टर, ट्रॉमा अस्पताल, ब्लड बैंक, महिला महाविद्यालय, स्टेडियम, भारी उद्योग, सैटलमेंट जैसे मामलों में कोई प्रगति नहीं है।
जिससे प्रतीत होता है कि इन 9 वर्षो में चुने हुए इन जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र से ज्यादा खुद का विकास किया है। जनता के साथ छल करने वाले राजनेताओं से आग्रह है कि भविष्य की पीढी के लिए विकास की आधारशिला रखने का काम करे अन्यथा जनता उन्हें सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। इसी क्रम में चौधरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मालपुरा को हाइवे से जोडने के वादे को भाजपा और भाजपा के जिम्मेदार प्रतिनिधि अब तो शायद भूल चुके हैं।
जिसके चलते ही यहां आज तक भी इस दिशा में कोई सकारात्मक कवायद नहीं की गई है। ऐसे में भाजपा के जिम्मेदार नेताओं की अनदेखी और वादाखिलाफी के चलते मालपुरा की जनता का बरसों पुराना रेल सेवा, हाइवे सहित अन्य मांगो के पूरा होने का सपना साकार होने की बाठ ही जोह रहा है। चौधरी ने सांसद, विधायक सहित भाजपाईयों से आग्रह किया है कि दलगत राजनीति से उपर उठकर अजमेर में 31 मई को आयोजित होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जनता के मांगपत्र रेल सेवा व राष्ट्रीय राजमार्ग की समस्या को प्रमुखता से प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाए जिससे क्षेत्र का समुचित विकास हो सके।