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अविकानगर में सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन।

अविकानगर में सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन।

मालपुरा (अविकानगर) – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान,अविकानगर मालपुरा जिला-टोंक (राजस्थान) द्वारा केड फाउंडेशन उदयपुर व एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर अविकानगर के संयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (16 मई से 22 मई,2023) का समापन मुख्य अतिथि डॉ नागेंद्र शर्मा जाने माने पशु विज्ञान विशेषज्ञ व पूर्व कुलपति शेर -ए -कश्मीर कृषि विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, जम्मू, कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ओर विशिष्ट अतिथि के रूप में निदेशक केड फाउंडेशन उदयपुर श्रीमान मुकेश सुथार की उपस्थिति में किया गया। अविकानगर संस्थान में ‘व्यवसायिक भेड़-बकरी और खरगोश पालन’ प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ अजीत सिंह महला द्वारा बताया गया कि उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं, जो देश के राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश राज्यों से आए हैं। केड फाउंडेशन के निदेशक मुकेश सुथार ने बताया कि इस सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शुरुआत के 5 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम उदयपुर में संपन्न किया गया। जिसमें कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञों द्वारा लेक्चर्स आयोजित किए गए। एवं अंतिम के दो दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान मे एग्री बिजनिस इंक्यूबशन सेंटर द्वारा आयोजित किया जा रहा है। दोनों संस्थान के एमओयू होने के बाद यह प्रथम किसानों का प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित 40 प्रशिक्षणार्थियों से प्रशिक्षण के बारे में फीडबैक लिया गया, सभी ने रहने-खाने एवं प्रशिक्षण के माध्यम से अनेक जानकारियां प्राप्त करने के बारे में बताया। तथा प्रशिक्षण में भविष्य में सुधार के लिए भी आवश्यक सुझाव दिए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ नागेंद्र शर्मा ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान में आत्मनिर्भर भारत में भेड़-बकरी व खरगोश के पालन करके आप अपनी आजीविका कमा सकते हैं। पशुपालन में सबसे महत्वपूर्ण पहलू स्वास्थ्य प्रबंधन होता है भेड़ एवं बकरी का स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में विस्तार से टीकाकरण एवं आदि आवश्यक जानकारियां अविकानगर संस्थान द्वारा किसानों के लिए हेल्थ कैलेंडर, संगोष्ठी मे निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।

डॉ शर्मा ने निवेदन किया कि आप संस्थान की तकनीकी एवं उन्नत जर्मप्लाज्म का अपने फार्म पर बढ़ाकर ओर किसानों तक पहुंचा सकते हैं। हम अविकानगर संस्थान अकेला पूरे भारत के किसानों तक नहीं पहुंच सकता, लेकिन आप के माध्यम से आप संस्थान के एंबेसडर के रूप में संस्थान की तकनीकयों को जो आपने यहां पर दो दिन मे ज्ञान अर्जित किया है, उसको अपने – अपने क्षेत्र में जाकर अन्य किसानों को बताएं एवं इसी प्रकार अन्य किसानों को प्रसार करें। वर्तमान में व्यवसायिक भेड़-बकरी पालन सार्वजनिक चरागहो के अभाव में स्टॉल फीडिंग विधि से किया जाने लगा है जिसमे बाड़े पर ही जानवर का उचित पोषण प्रबंधन, चारा प्रबंधन, आवास प्रबंधन आदि के द्वारा अधिकतम उत्पादन लिया जा सकता है। डॉ शर्मा ने भेड़ व बकरी के दुग्ध क़ो बहुत स्वस्थ कारी बताते बताते हुए बताया कि बकरी के मिल्क के बहुत से फैटी एसिड का नामकरण बकरी के वैज्ञानिक नाम कैपरिने के आधार पर दिया गया है। संस्थान निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने भी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि भेड़-बकरी पालन पांच सितारा पशु के सामान है जिसको पालकर किसान किसी भी समय दूध, मांस और मनी प्राप्त कर सकता है। डॉ. तोमर ने बताया कि मेरा पशु छोटा जरूर है लेकिन जो भी इनको को पालता है उसको आर्थिक रूप से सशक्तिकरण करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भेड़ व बकरी का पालन कम से कम संसाधनों में करके एवं आजकल अधिकतम उत्पादन लिया जा सकता है। डॉ तोमर ने उम्मीद जताई कि निश्चित ही आपने 2 दिन में भेड़ और बकरी पालन के बारे में कुछ जानकारियां यहां से ग्रहण की होगी। वह आपके पहले से मौजूद ज्ञान में अगर इनको ओर शामिल कर लिया जाए, तो निश्चित ही आने वाले समय में आपका भेड़- बकरी व खरगोश के पालन में सुधार देखने को मिलेगा तथा निदेशक ने निवेदन किया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के द्वारा आप भेड़-बकरी और मुर्गी पालन के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा जारी सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। तथा इससे अपने व्यवसाय को पशुपालन उद्यमिता की ओर ले जा सकते हैं। पशुपालन के क्षेत्र में आप उनके उत्पाद क़ो बाजार तक ले जाने के लिए आपको सहकारी संस्थाओं का निर्माण करे। जिससे पशु उत्पादन से उपभोक्ता तक की सारी प्रक्रिया में आप स्वयं रहें। ताकि इसका अधिकतम कमाई की जा सके। प्रशिक्षण समापन के अवसर पर सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्रों का वितरण कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को विभागअध्यक्ष पशु अनुवांशिकी एवं प्रजनन डॉ. सिद्धार्थ सारथी मिश्रा, डॉ रघुवेंद्र सिंह, डॉ अजय कुमार, डॉ लीलाराम गुर्जर, डॉ अरविंद सोनी, सत्यवीर सिंह डांगी, डॉ विनोद कदम, डॉ दुस्यंत शर्मा, नरेश विश्नोई केड फाउंडेशन, देबमिता गुप्ता आदि द्वारा भी प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन व समापन में पूरा अपना सहयोग किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन में कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजीत सिंह महला एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनोद कदम द्वारा दिया गया। अविकानगर संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पीआरओ डॉ अमरसिंह मीना ने कार्यक्रम समापन की जानकारी दी।

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