महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति द्वारा शहीद दिवस पर विचार संगोष्ठी का आयोजन।
टोंक –
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 75वीं पुण्यतिथि (शहीद दिवस) पर शांति एवं अहिंसा विभाग के निर्देशानुसार महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति द्वारा ’’महात्मा गांधी अतीत ही नहीं भविष्य भी हैं’’ विषय पर सोमवार शाम को नगर परिषद सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर पीसी जैन रहे एवं अध्यक्षता महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक अनुराग गौतम ने की। इसमें समिति के ब्लॉक संयोजक विकास विजयवर्गीय, राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बीएल बैरवा, जिला शिक्षा अधिकारी केसी कोली, एडवोकेट महावीर तोगड़ा, डॉ. महावीर सिंह एवं निर्मल जैन, संजय सिंह गुर्जर, मैना जाट, भारती बैरवा, रिया बंसल, गर्वित गिदवानी, रवि चावला आदि उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि प्रो. पीसी जैन ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा मानवीय समस्याओं का हल गांधी के रास्ते पर चलकर ही हो सकता है। उन्होंने आजादी की लड़ाई में प्राणों की आहुति देने वाले बहुत से शहीदों का उदाहरण देते हुए कहा कि महान लोगों को अपने जीवन की शहादत देनी पड़ती है, यह संसार की प्रवृत्ति रही है। जैन ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य एवं अहिंसा पर आधारित मानव इतिहास का ऐसा अस्त्र विकसित किया जिसमें लाठी, बंदूक आदि हथियारों का प्रयोग न होकर केवल विरोधी पक्ष के हृदय परिवर्तन का प्रयास किया जाता है। गांधी ने इस अस्त्र को सत्याग्रह का नाम दिया। गांधी जी ने कहा है कि किसी की हिंसा का जवाब उसी रूप में देने के बजाय खुद कष्ट एवं हिंसा झेलकर विरोधी का हृदय परिवर्तन किया जा सकता है।
उन्होंने गांधी के जीवन के प्रसंग सुनाते हुए कहा कि गांधी ने दक्षिण अफ्रीका की जेल में रहकर भारतीयों को सम्मानजनक अधिकार दिलाए और जेल में रहते हुए वहां के शासक जनरल स्पर्ट्स के लिए चप्पलें तैयार कीं। गांधी के इस आचरण से जनरल स्पर्ट्स गांधी का भक्त बनकर उनके लिए लिखता है कि मैं ऐसे महान व्यक्ति द्वारा बनाई चप्पलों को पहनने का अधिकार नहीं रखता। इसी तरह प्रोफेसर ने अफ्रीका में गांधी के संदर्भ में मीर आलम का उदाहरण बताते हुए कहा कि मीर आलम ने गांधी पर हमला किया लेकिन गांधी ने कहा कि उनके ऊपर हमला करने वाले को गिरफ्तार नहीं किया जाए। उनके इस व्यवहार से मीर आलम का भी हृदय परिवर्तन हुआ। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी अच्छे दर्जी और चर्मकार भी थे। उन्होंने गांधीजी की हत्या होने पर संयुक्त राष्ट्र संघ में झंडा नीचे किये जाने की बात का भी उल्लेख किया।
एडवोकेट महावीर तोगड़ा ने महात्मा गांधी पर अपनी बात रखते हुए कहा कि गांधी एक अनंत विचार है। उन्होंने कहा कि संसार में भगवान बुद्ध एवं ईसा मसीह के बाद सबसे ज्यादा मूर्ति महात्मा गांधी की लगी हुई हैं। उन्होंने बापू के बारे मंे जानकारी देते हुुए बताया कि गांधी के सिद्धांतों पर हार्वड यूनिवर्सिटी में रिसर्च होते हैं एवं छात्रों को डिग्री मिलती है। अंत में उन्होंने संगोष्ठी में उपस्थित सभी लोगों को गांधी के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शांति एवं अहिंसा विभाग गठित करने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।
विचार संगोष्ठी में राजकीय महाविद्यालय के डॉ. महावीर सिंह एवं निर्मल जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में समिति के प्रशिक्षण प्राप्त सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए गये। समिति के जिला संयोजक अनुराग गौतम एवं ब्लॉक संयोजक विकास विजयवर्गीय ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया और राष्ट्रगान के साथ संगोष्ठी का समापन किया गया।