30 जून 2021 को देशभर के सरकारी कर्मचारियों का पेंशन बहाली को लेकर सोशल मीडिया पर महाअभियान
आज न्यू पेंशन स्कीम एंपलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि राजस्थान सहित भारत के जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारी 30 जून को पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किए जाने की मांग को लेकर ट्विटर पर चलाए जा रहे महाअभियान से बड़ी संख्या में जुड़ेंगे। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर एनपीइसईएफआर ने ट्विटर पर #RestoreOldPension अभियान की शुरुआत की है।
गौरतलब है कि देशभर में 15 अगस्त 20 को हैशटैग #NPS_QUIT_INDIA को भारत में एक नंबर पर एवं 8 जून 21 को हैशटैग #डीए_बहाल_करो को भारत में एक नंबर के साथ विश्व में 9 नंबर पर ट्रेंड करवा चुके हैं।
देशभर के लगभग 74 लाख सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी नवीन अंशदाई पेंशन योजना नामक म्यूच्यूअल फंड योजना का दंश झेल रहे हैं, जो कि पेंशन योजना नहीं है तथा जिसमें लंबी सेवा अवधि के बाद भी सेवानिवृत्ति पर महज छह सौ से नौ सौ रुपये मासिक पेंशन मिलने के उदाहरण देशभर में मिल रहे हैं। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।
केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट जगत को खरबों रुपए के पेंशन फंड को हड़पने की छूट देने के लिए 1972 के केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम के स्थान पर 1 जनवरी 2004 से भारत की सेना को छोड़कर अर्धसैनिक बलों सहित सरकारी नौकरी में आए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना शुरू की जिसका केंद्र की कॉरपोरेट हितेषी सरकारों के दबाव में पश्चिम बंगाल के अलावा सभी राज्यों ने अंधानुकरण करते हुए एक-एक करके अलग-अलग तिथि से अपने राज्यों में अंशदाई पेंशन योजना को लागू किया।
भारतीय संविधान भाग 11 की सातवीं अनुसूची में अनुच्छेद 245-255 राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों को उल्लेखित करती है , जिसके अनुसार केंद्र राज्य संबंध तीन भागों, संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विभाजित है। न्यू पेंशन स्कीम राज्य सूची के विषय पेंशन पर केंद्र का अतिक्रमण है , जिसका राज्य सरकारों को भी खुला विरोध करना चाहिए। वर्ष 2009 में इसे न्यू पेंशन योजना की जगह नेशनल पेंशन योजना का नाम दिया गया एवं केंद्र व राज्य के सरकारी कार्मिकों के अलावा कारपोरेट कर्मचारी जगत सहित आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया , जबकि यह पेंशन योजना ना होकर एक म्यूच्यूअल फंड योजना है। जिसमें शेयर मार्केट निवेश जोखिम होने के बावजूद भी वर्ष 2013 से संसद द्वारा पारित पेंशन फंड नियम और विकास प्राधिकरण एक्ट द्वारा न्यूनतम रिटर्न की कोई गारंटी प्रदान नहीं की गई है एवं किसी का भी निवेश सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा एनपीएस में कई और दिक्कत है, इसमें महंगाई भत्ते में होने वाली बढ़त के मुताबिक संशोधन का कोई प्रावधान नहीं है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को साल में दो बार संशोधित महंगाई भत्ते का लाभ मिलता था। संगठन केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार से जुड़ी पेंशन योजना का समर्थन नहीं करता है। इन्हीं मांगों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार 30 जून 2021 को प्रातः 10 बजे से सांय 4 बजे तक ट्विटर पर #RestoreOldPension अभियान रहेगा।