अपने ही राज में बेबस दिखीं भाजपा पालिकाध्यक्ष सोनिया सोनी ?
डबल इंजन की सरकार में भाजपा की पालिकाध्यक्ष को लिखना पड़ा एसडीएम को पत्र, नवीन मंडी रोड बना जनता की मुसीबत
मालपुरा (टोंक)। मालपुरा नगर पालिका बोर्ड और राज्य से लेकर केंद्र तक भाजपा की डबल इंजन सरकार होने के बावजूद मालपुरा शहर में विकास कार्यों की रफ्तार बदहाल है। नगर पालिका मालपुरा की भाजपा पालिकाध्यक्ष सोनिया मनीष सोनी को शहर की मुख्य सड़क की दुर्दशा को लेकर स्वयं उपखण्ड अधिकारी (एसडीएम) को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि जब अपनी ही सरकार में जनप्रतिनिधि विवश हो जाएं तो आमजन की सुनवाई कौन करेगा?
50 दिन से ठप पड़ा नवीन मंडी रोड का काम
मालपुरा की नवीन मंडी स्थित सुभाष सर्किल से व्यास सर्किल तक सड़क निर्माण कार्य पिछले 50 दिनों से ठप पड़ा हुआ है। पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार द्वारा खुदाई करने के बाद कार्य बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया। दीपावली से पूर्व आश्वासन दिया गया था कि सड़क दीपावली से पहले तैयार कर दी जाएगी, लेकिन दीपावली बीते अब 10 दिन से अधिक हो गए हैं, फिर भी कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई है।
वर्तमान में खुदाई की गई सड़क कीचड़, पानी और गड्ढों से भरी हुई है। यह मार्ग शहर का अत्यंत व्यस्त क्षेत्र है जहाँ से स्कूल बसें, वाहन, व्यापारियों के ट्रक, और आमजन प्रतिदिन गुजरते हैं।
पालिकाध्यक्ष ने जताया आक्रोश — “ठेकेदार गहरी नींद में सो गया है”
पालिकाध्यक्ष सोनिया मनीष सोनी ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा कि उन्हें आए दिन आमजन और व्यापारियों से शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा – “लोग मुझे उलाहने दे रहे हैं और उनका देना भी वाजिब है। ठेकेदार ने सड़क की खुदाई कर मानो गहरी नींद ले ली है। पीडब्ल्यूडी विभाग को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी किसी ने सुध लेना मुनासिब नहीं समझा।”
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सोनिया सोनी ने एसडीएम से अनुरोध किया कि पीडब्ल्यूडी विभाग को आदेशित कर तत्काल कार्य शुरू करवाया जाए, ताकि आमजन को राहत मिल सके।
व्यापारी, स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांगजन सबसे ज्यादा परेशान
नवीन मंडी का यह मार्ग मालपुरा का व्यावसायिक केंद्र है। यहां सैकड़ों दुकानें और शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं। सड़क की खराब हालत के कारण बच्चों को स्कूल पहुंचना मुश्किल हो गया है, व्यापारियों को ग्राहकों की कमी झेलनी पड़ रही है, वहीं बुजुर्ग और दिव्यांगजन के लिए यह रास्ता पार करना भी दूभर हो गया है।
स्थानीय निवासी बताते हैं – “दिनभर धूल और कीचड़ से लोग परेशान हैं। कई बार दोपहिया वाहन फिसल चुके हैं। प्रशासन और विभाग दोनों आंख मूंदकर बैठे हैं।”
नगर पालिका की साख पर उठे सवाल
भाजपा की अपनी सरकार के बीच पालिकाध्यक्ष द्वारा उपखण्ड अधिकारी को पत्र लिखना नगर पालिका प्रशासन की साख पर भी सवाल खड़े कर रहा है। जनता अब सवाल पूछ रही है कि जब नगर पालिका अध्यक्ष के पास स्वयं विकास कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी है, तब उन्हें पत्र लिखने की नौबत क्यों आई?
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एक स्थानीय व्यापारी ने कहा – “पालिका प्रशासन और विभागों के बीच तालमेल की कमी शहर की परेशानी बन गई है। भाजपा की सरकार में भाजपा की ही पालिकाध्यक्ष को सड़कों के लिए गुहार लगानी पड़े, यह प्रशासन की नाकामी है।”
“डबल इंजन” पर भी उठे सवाल
मालपुरा में भाजपा की नगर पालिका, भाजपा की राज्य सरकार और केंद्र में भी भाजपा की ही सत्ता होने के बावजूद सड़क जैसी मूलभूत सुविधा के लिए जनता तरस रही है। ऐसे में आमजन पूछ रहे हैं कि क्या यही है डबल इंजन की सरकार का विकास मॉडल?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह मामला स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की सुस्ती का उदाहरण है, जो सरकार की छवि पर भी असर डाल सकता है।
जनता की उम्मीद — प्रशासन तुरंत दे ध्यान
पालिकाध्यक्ष सोनिया सोनी के पत्र के बाद अब देखना यह होगा कि उपखण्ड अधिकारी और पीडब्ल्यूडी विभाग इस पर कितनी तेजी से कार्रवाई करते हैं। आमजन और व्यापारी वर्ग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही इस रोड को सुधारकर आवागमन सुगम किया जाएगा।
फिलहाल, मालपुरा की नवीन मंडी रोड शहर की तकलीफ और प्रशासनिक उदासीनता की जीवंत मिसाल बन चुकी है।