मालपुरा के जिला बनने से क्षेत्रवासियों को मिलेगी विकास, रोजगार व सुविधाओं की सौगात,
मुख्यमंत्री की घोषणा का बेसब्री से हो रहा इंतजार..
कई विभागों के कार्यालय खुलने से उन्नति के पथ पर आगे बढेगा शहर
मालपुरा (टोंक) – विधानसभा सत्र के आगाज के साथ ही मालपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले चार माह से चल रहे आंदोलन की अग्नि परीक्षा का कठिन समय शुरू हो गया है। क्षेत्रवासी बडी बेसब्री से सांस थामे विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री के पास लम्बित व बहुप्रतीक्षित मांग मालपुरा को जिला बनाए जाने की घोषणा सुनने के लिए बेताब नजर आ रहे है। आमजन में चार माह से चल रहे आंदोलन का सुखद पटाक्षेप चाहते है। आजादी के बाद से सुविधाओं का अभाव झेल रहे क्षेत्रवासियों को इस बार पूरी उम्मीद है कि उनके साथ न्याय होगा। इसी मांग को लेकर पिछले चार माह से सक्रिय आंदोलन लगातार जारी है, जिसके अन्तर्गत आज भी व्यास सर्किल पर क्रमिक धरने का क्रम बना हुआ है।
यह छिना हमसे-आजादी के समय से जयपुर रियासत का जिला रह चुके मालपुरा से कमिश्ररी, निजामत के साथ जिले का तमगा छीना गया, रियासतकालीन समय से चल रही रेलसेवा छिन गई, हवाई पट्टी छिन गई। परिवहन सेवाओं में कमी का असर यह हुआ कि रोजगार के साधन छिन गए। क्षेत्र से निर्यात किए जाने वाली अभ्रक की खाने, केसर व कपास की अधिक पैदावारी क्षेत्र की पहचान रखने वाले मालपुरा की कपास की मिले बंद हो गई, गन्ने की खेती, माणक-मोतियों का व्यापार सब बीते जमाने की बातें हो गई।
विश्वप्रसिद्ध डिग्गीधाम, सिंधौलिया, ऊना माता, दादाबाडी, टोरडीसागर बांध, बीसलपुर बांध, टोडारायसिंह की विश्वप्रसिद्ध बावडियां, ऐतिहासिक मंदिर, महल, पर्यटन की असीम संभावनाएं समेटे ऐतिहासिक टोडारायसिंह नगरी का क्षेत्र समेटे यह इलाका धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक रूप से समृद्ध रहा क्षेत्र है। राजधानी से न्यूनतम दूरी पर स्थित होने के बावजूद पुराने वैभव व प्रसिद्धि के स्थान पर निठल्ले हुए लोगों ने साम्प्रदायिकता के अपयश का कलंक माथे पर मढ लिया। जो पिछडेपन की दिशा में बहुत बडा धक्का साबित हुआ। विकास की मुख्य धारा से अलग हुए मालपुरा में विकास की जगह विनाशलीला शुरू हो गई। तीर्थनगरी डिग्गी धार्मिक महत्व के साथ-साथ शिक्षा का भी बडा केन्द्र था जहां डाइट व एसटीसी के केन्द्र स्थापित थे तथा सम्पूर्ण राजस्थान से चयनित अभ्यर्थी शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करते थे। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कन्या महाविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, ट्रॉमा हास्पीटल, सैटलमेंट, रेलसेवा शुरू करवाए जाने की मांग, स्टेडियम, ग्रामीण सडकों के विस्तार, ग्रामीण अंचल में परिवहन सुविधाओं का अभाव सहित कई सुविधाओं का नितांत अभाव है क्षेत्रवासी जिनका दंश झेलने को मजबूर है।
जिला बनने से यह मिलेगी सुविधा-जिला कलक्टर कार्यालय, भू प्रबंध अधिकारी कार्यालय, लोकसेवाओं का कार्यालय, अनेक जिला सत्र न्यायालय, आरएसी, पुलिस लाइन, होमगार्ड, जिला परिषद कार्यालय, डीआरडीए, वाटरशैड, सिंचाई, पीडब्लूडी, नरेगा, विद्युत के अधीक्षण स्तर के कार्यालय, अनुसूचित जाति जनजाति वित्त निगम, जिला सूचना अधिकारी कार्यालय, मेडिकल कॉलेज, सीएमएचओं कार्यालय, जिला आयुर्वेद कार्यालय, महिला बाल विकास एवं आधिकारिता, कृषि, पशुपालन, डेयरी, विपणन बोर्ड, जिला अल्पसंख्यक कार्यालय, उच्च शिक्षा के लिए कृषि, तकनीकी, मेडिकल शिक्षा, जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय प्रारम्भिक एवं माध्यमिक, रजिस्ट्रार कार्यालय, भूमि विकास बैंक, सहकारी व कॉपरेटिव बैंक व ऑडिटर सुविधा, कन्या महाविद्यालय, नवोदय विद्यालय, डिजीटल शिक्षा एवं रोजगार संस्थान, जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय, आयोजना कार्यालय, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, रिको, श्रम विभाग, पटवार ट्रैनिंग सेन्टर, सेल टेक्स, इन्कम टेक्स, कोषाधिकारी कार्यालय, खेल अधिकारी कार्यालय, सर्किट हाउस, जिला सैनिक कल्याण कार्यालय, जिला अभियोजन कार्यालय, राज्य बीमा एवं प्रावधायी कार्यालय, नेहरू युवा केन्द्र, हाउसिंग बोर्ड कार्यालय, नागरिक सुरक्षा केन्द्र कार्यालय, राजीविका कार्यालय, वेयर हाउस, जिला प्रबंधक आरएसएलडीसी, दूरसंचार, डाकघर, नगर नियोजन कार्यालय, आरटीओ सहित कई महत्वपूर्ण कार्यालय खुलेंगे जिनके लिए शहरवासियों को अपने ही शहर में सभी तरह की सुविधाएं मिल सकेगी।
जिला बनाए जाने पर जिलास्तरीय कार्यालय खुलेंगे जिनसे रोजगार के साधन बढेंगे तथा विकास को पंख लग सकेंगे। कार्यालयों व कार्मिकों की बेहत्तर मॉनीटरिंग होने से शीघ्रता से कार्य हो सकेंगे तथा योजनाओं का समुचित लाभ मिल सकेगा तथा क्षेत्र उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा। आमजन को व्यर्थ धन की बरबादी, समय की बचत, आवागमन की भागदौड से मुक्ति से छुटकारा मिल सकेगा। जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले चार माह से आंदोलन लगातार जारी है तथा ज्ञापनों, प्रदर्शनों के माध्यम से मांग को मुख्यमंत्री व रामलुभाया कमेटी तक पहुंचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री द्वारा जिला बनाने की मांग कर रहे कई क्षेत्रों को आश्वासन दिया गया है, विधानसभा सत्र शुरू होने से वंचित रहे क्षेत्रों के साथ-साथ मालपुरा को भी जिला बनने की पूरी उम्मीद है।