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श्री कल्याण जी के दरबार में गूंजे जयघोष, शाही ध्वज चढ़ाकर पूर्ण हुई 60वीं लक्खी पदयात्रा

श्री कल्याण जी के दरबार में गूंजे जयघोष, शाही ध्वज चढ़ाकर पूर्ण हुई 60वीं लक्खी पदयात्रा
डिग्गी (टोंक)।।भक्ति, आस्था और परंपरा का अद्वितीय संगम रही 60वीं लक्खी पदयात्रा का सोमवार को डिग्गी धाम में दिव्य समापन हुआ। जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर से 31 जुलाई को रवाना हुई यह यात्रा जब 4 अगस्त को डिग्गी पहुंची, तो हर रास्ता, हर नुक्कड़, हर मोड़ श्री कल्याण जी के जयघोषों से गूंज उठा।

पदयात्रियों ने जब डिग्गी की पवित्र भूमि को छुआ, तो जनसैलाब उमड़ पड़ा। गंगोत्री से लाए गए पावन जल से श्री कल्याण जी महाराज के चरणों में अभिषेक किया गया। अभिषेक के बाद शाही ध्वज निशान को विधिवत रूप से मंदिर में चढ़ाया गया, जिसे देख श्रद्धालुओं की आंखें श्रद्धा से भर आईं।

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इस पावन क्षण के साक्षी बने राज्य के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, जिन्होंने स्वयं पूजा-अर्चना कर श्री कल्याण जी को शाही ध्वज अर्पित किया। साथ ही जयपुर पदयात्रा संघ के संचालक श्रीजी शर्मा ‘लोहे वाले’ ने भी भक्ति भाव से ध्वज चढ़ाया।
शोभायात्रा में उमड़ा जनसागर —
डिग्गी रोडवेज बस स्टैंड से लेकर मंदिर तक निकली भव्य शोभायात्रा में ढोल-नगाड़े, भजन-कीर्तन, झांकियां, और श्रद्धालुओं की टोलियां – जैसे पूरा गांव, शहर, प्रदेश डिग्गी की ओर उमड़ पड़ा हो। राधा-कृष्ण, राम दरबार, हनुमान जी, भोलेनाथ की झांकियों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
रास्ते भर पुष्प वर्षा, स्वागत द्वार, और गांव-ढाणियों के लोगों की भागीदारी ने इस यात्रा को अविस्मरणीय बना दिया।
पूजा-अर्चना के दौरान पंडित विजय नारायण शर्मा, आशुतोष शर्मा, पिंटू शर्मा, रामू शर्मा, और पंडित लेखराज शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सभी अनुष्ठान सम्पन्न करवाए।
तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इस दौरान श्री कल्याण जी के दर्शन किए। मंदिर से लेकर तालाब और बाज़ार तक हर जगह बस आस्था का सैलाब दिखाई दिया। मंगला आरती से लेकर देर रात तक मंदिर में दर्शनार्थियों की कतारें लगी रहीं।
प्रशासन भी रहा पूरी तरह अलर्ट — मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी, एएसपी मोटाराम बेनीवाल, डीएसपी आशीष प्रजापत, थानाधिकारी सत्यनारायण चौधरी और नगर पालिका ईओ हंसराज चौधरी सहित पूरी टीम मुस्तैद रही।
जयपुर पदयात्रा संघ के अध्यक्ष श्रीजी शर्मा ने बताया कि  “ये यात्रा सिर्फ पदयात्रा नहीं, ये भक्त और भगवान के बीच आत्मिक मिलन की 60 साल पुरानी परंपरा है, जो हर वर्ष आस्था की लौ और तेज कर देती है।”
डिग्गी में एक बार फिर श्री कल्याण जी महाराज की कृपा बरसी, और लाखों श्रद्धालु उस साक्षात् अनुभव के साक्षी बने।

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