सात दिवस की मियाद भी निकली, पालिका प्रशासन ने नहीं हटवाए अतिक्रमण
मालपुरा पालिकाध्यक्ष की कथनी और करनी में अंतर ?
मालपुरा (टोंक) – शहर के अंदर जगह जगह भू माफिया सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रहे है। भू माफियाओं के आगे पालिका प्रशासन भी बेबस नजर आ रहा है। रातों रात भू माफियाओं द्वारा सरकारी जमीन और आम रास्ते पर अतिक्रमण करके पक्का निर्माण करवाया जा रहा है। आमजन अतिक्रमण हटवाने के लिए पालिका के चक्कर काट रहे हैं। अगर अजमेर रोड़ की बात करें तो आम रास्ते पर आदर्श आचार संहिता के चलते रातों रात पक्का निर्माण कर रास्ते को अवरुद्ध कर दिया गया। वहीं कृष्णा टाकीज के पीछे जहां कभी आम रास्ता हुआ करता था और पालिका की सरकारी खाली पड़ी जमीन थी, उसपर भी बबूलों की आड़ में अवैध निर्माण किया जा रहा है। लेकिन लगता है कि पालिका प्रशासन तो धृतराष्ट्र बन चुका है। अतिक्रमण का खेल पालिका प्रशासन को नजर नहीं आ रहा है।
नगर पालिका अध्यक्ष सोनिया सोनी ने 05 दिसम्बर को प्रेस नोट जारी कर बताया था कि शहर में हो रहे अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर अवैध अतिक्रमण को हटाया जाएगा। साथ ही 06 दिसम्बर को पालिकाध्यक्ष ने पालिका ईओ को आदेशित भी किया था कि पालिका क्षेत्र में हो रखे अतिक्रमणों के स्थान चिन्हीकरण कर 3 दिवस में सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु एक टीम का गठन करे एवं चिन्हीकरण पश्चात सर्वे में पाये गये अतिकमणों को अन्दर मियाद 7 दिवस में हटाने के लिये अतिकमण हटाओं अभियान का कार्यकम भी तैयार कर अवैध अतिकमणों को हटाने की कार्यवाही करने की सुनिश्चितता करे। पालिकाध्यक्ष के द्वारा दी गई 07 दिवस की मियाद भी निकल गई और शहर में किए गए अतिक्रमण भी नही हटे। अब सवाल यह उठता है कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने और अवैध अतिक्रमण को हटवाने के पालिकाध्यक्ष के आदेश केवल कागजी खानापूर्ति ही साबित हो रहे हैं या फिर पालिकाध्यक्ष की कथनी और करनी में अंतर है ?