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आखिर कौन होगा विधानसभा क्षेत्र से कोंग्रेस पार्टी से उम्मीदवार ?

आखिर कौन होगा विधानसभा क्षेत्र से कोंग्रेस पार्टी से उम्मीदवार ?
मालपुरा (टोंक) – चुनावी मौसम के रंग अब मालपुरा शहर में चारो तरफ बिखरने लगे हैं। और प्रवासी नेताजी भी अपने आपको स्थानीय बताकर जनता के सामने  स्वयं की छवि को निखारने में लग चुके हैं। इस चुनावी मौसम के रंग ने शहर की आमजनता को भी बेरंग कर दिया है। बेचारी जनता कभी दुरंगी पार्टी की जिंदाबाद करती है तो कभी तिरंगी पार्टी की और हद तो तब हो जाती है जब यही जनता दुरंगी – तिरंगी को छोड़ चौरंगी के जिंदाबाद के नारे लगाने लगती है। आखिर जनता को भी क्या चाहिए बस भरपेट नाश्ता और नेताजी को भीड़ । सरकार रेवड़ियों की तरह जिला बांट रही है लेकिन जनता को जिले से क्या ? सही भी है आखिर पेट की भरपाई तो नेताजी की रैली में ही होती है। अभी हाल ही की बात है एक प्रवासी नेताजी का पदभार ग्रहण कार्यक्रम था। नेताजी भाषण देते रहे, जनता कुर्सियां खाली छोड़कर पेट पूजा में व्यस्त दिखाई दी। वहीं तिरंगी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक दो दिन पहले प्रवासी नेताजी का जमकर विरोध  भी किया था। उल्लेखनीय हैं कि मालपुरा जिला बनाने की मांग पिछले काफी लम्बे समय से की जा रही हैं। अबकी बार विकास कार्य और मालपुरा को जिला बनाने का मुद्दा प्रमुखतया से चुनावी मुद्दा होगा।
यदि मालपुरा टोड़ा विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो कोंग्रेस पार्टी से विधायक पद का प्रत्याशी बाहरी होगा या स्थानीय। बस यही विचार आमजनता के मन में चल रहा है। पिछले 30 सालों से कोंग्रेस पार्टी को क्षेत्र में करारी हार का सामना करना पड़ रहा है। अबकी बार अगर जनमानस की बात करें तो उनका झुकाव कोंग्रेस पार्टी की ओर ज्यादा है। पिछले 09 सालों से भाजपा के विधायक क्षेत्र में काबिज है लेकिन विकास कार्य और मालपुरा को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर भाजपा विधायक की कोई खास उपलब्धि नही होने से आमजन के नजरिये में बदलाव के संकेत है। अगर कोंग्रेस पार्टी से स्थानीय मजबूत दावेदारों की बात करें तो सबसे पहले नाम गोपाल गुर्जर, अवधेश शर्मा और युवा चेहरा भरतराज चौधरी का आता है। बाकी उम्मीदवार अपने आपको स्थानीय बताकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हुए हैं। अगर बाहरी उम्मीदवार की बात करे तो सबसे पहले वैभव गहलोत, रामफूल गुर्जर पीआरओ, सुरेश अजमेरा और फूलचंद लांगड़ी कोंग्रेस पार्टी से चर्चित चेहरे हैं। लम्बे समय से मालपुरावासियों के द्वारा मालपुरा को जिला बनाने की मांग की जा रही है। कोंग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास अभी सुनहरा अवसर हैं। यदि गहलोत सरकार मालपुरा को जिला बनाने की घोषणा करती है तो 30 सालो से हार का सामना करने वाली कोंग्रेस पार्टी भाजपा को करारा जवाब दे सकती है।

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