पूर्व पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
मालपुरा (टोंक) – स्वायत शासन विभाग निदेशक हृदेश कुमार शर्मा ने गुरुवार को मालपुरा नगरपालिका क्षेत्र में नगरपालिका की ओर से बनाई गई सीसी सड़कों का निरीक्षण किया तथा राज्य सरकार की ओर से नगरपालिका क्षेत्र में तीन स्थानों पर चलाए जा रहे स्थाई महंगाई राहत शिविरों का औचक निरीक्षण किया। निदेशक ने अविकानगर के सभागार में नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी राजपाल बुनकर सहित नगरपालिका के कर्मचारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने, प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत अधिक से अधिक लोगों को पट्टे जारी करने के निर्देश दिए। पूर्व पालिकाध्यक्ष आशा नामा ने पालिका पैरा फेरी क्षेत्र के विकास को लेकर डीएलबी निदेशक से चर्चा की। निदेशक ने ईओ से कहा कि आप नगर पालिका मालपुरा को क्रमोन्नत करने के लिए विभाग को अनुशंसा भिजवाए | अगर नगर पालिका मालपुरा डी श्रेणी से सी श्रेणी में क्रमोन्नत हो जाती है तो पालिका में पैरा फेरी क्षेत्र को भी शामिल कर लिया जाएगा। जिससे नगर पालिका का क्षेत्र भी बढ़ जाएगा और बजट भी। विकास कार्यों को भी अच्छी तरह से गति मिल पाएगी। वहीं मालपुरा के आमजन की ओर से डीएलबी निदेशक को ज्ञापन भेजकर पूर्व पालिकाध्यक्ष आशा नामा व उपाध्यक्ष पवन मेंदवास्या पर गम्भीर आरोप लगाए गए हैं। ज्ञापन में बताया गया कि पूर्व पालिकाध्यक्ष आशा नामा द्वारा अवैध रूप से सरकारी व नगरपालिका की भूमियों का नियमन, खाँचा भूमि, मालपुरा बम्ब तालाब जिस पर न्यायालय द्वारा स्टे लगा हुआ है, वहां पर अवैध रूप से पटटे दिये जाना, नामदेव धर्मशाला व इन्द्रा रसोई के नाम पर लाखों रूपये को खुर्द बुर्द किया गया है। वही नगर पालिका उपाध्यक्ष पवन मेन्दवास्या पर अपनी फर्म शिव मेडिकल के नाम से बिल लगाकार हजारों लाखों रूपयों का भुगतान उठाये जाने का आरोप लगाया गया है। ज्ञापन में बताया गया कि नगरपालिका अधिनियम के अनुसार नगरपालिका का कोई पार्षद स्वयं के नाम पर या स्वंय की फर्म पर कोई भी कार्य नहीं कर सकता है। पालिका उपाध्यक्ष द्वारा स्वंय की फर्म का बिल नगरपालिका मालपुरा में प्रस्तुत कर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए हजारों लाखों रूपयो का बिल डरा धमकाकर उठा लिया गया है। जो कि नियम विरूद्ध है। पालिका उपाध्यक्ष स्वयं ही पालिका के ठेकेदार हो रहे है। पूर्व पालिकाध्यक्ष आशा नामा द्वारा नगरपालिका कर्मचारियों पर पट्टे बनाने में देरी करने को लेकर राजनैतिक दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही पूर्व पालिकाध्यक्ष नामा पर नगरपालिका की बेसकिमती जमीन पर अवैध रूप से कब्जे करवाने का भी आरोप लगाया गया और निष्पक्ष जांच कर कठोर कानूनी कार्यवाही की मांग की गई।
इनका कहना है-
तालाबी भूमि पर किसी भी प्रकार के पट्टे जारी नहीं किए गए हैं। यदि किए गए तो उनका क्या प्रमाण है। नामदेव धर्मशाला सामुदायिक भवन है। कुछ राजनीतिक लोगों के द्वारा मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। जो भी आरोप लगाए गए हैं, वो निराधार और तथ्यहीन है – आशा नामा पूर्व पालिकाध्यक्ष मालपुरा।