पंचायतों में चल रहे कार्य समयावधि में पूरे करें – सीईओ
टोंक, 24 जनवरी।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देशलदान ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए आज मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के ब्लॉक विकास अधिकारियों (बीडीओ) और सहायक अभियंताओं की बैठक ली। उन्होंने बीडीओ और सहायक अभियंताओं को ग्राम पंचायतों में चल कार्यों को निश्चित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए।
सीईओ ने प्रधानमंत्री आवास योजना, सांसद एवं विधायक स्थानीय क्षेत्रीय विकास योजना, एनआरएम के कार्य, खेल मैदान, सार्वजनिक उद्यान का निर्माण, अमृत सरोवर, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना जैसी योजनाओं की समीक्षा की।
उन्होंने मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को लेकर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि ज्यादा से ज्यादा परिवार 100 दिन का काम पूरा करें और श्रमिकों को जॉब कार्ड जारी कर रोजगार मुहैया कराया जाए। उन्होंने कहा कि समस्त स्वीकृत 100 खेल मैदानों की मस्टरोल जारी कराएं और इन्हें प्रोजेक्ट मोड में लेकर अगले महीने तक पूरा करंे। जिले में चिह्नित 28 अमृत सरोवरों को जल्द सभी गतिविधियों सहित मॉडल के तौर पर विकसित करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अधूरे निर्माण कार्य पूरे कराने और बकाया किस्तें जारी करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास अधिकारी ग्राम पंचायतों में जाकर कार्यों का जायजा लें और काम में उदासीनता बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
सीईओ ने वर्ष 2019 में सृजित 6 ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के भवन निर्माण की भी समीक्षा की। इनमें पंचायत समिति पीपलू, ग्राम पंचायत बृजलाल नगर, ग्राम पंचायत बगड़ी, ग्राम पंचायत श्योराजपुरा, ग्राम पंचायत उखलाना, ग्राम पंचायत रिजोदा, ग्राम पंचायत देवीखेड़ा शामिल हैं।
इस बैठक को संबोधित करते हुए एसीईओ मुरारी लाल शर्मा ने कहा कि मिशन प्रेरणा के तहत लाइब्रेरी स्थापना, स्कूल सौंदर्यीकरण और खेल मैदान का 100 फीसदी काम जल्द पूरा किया जाए। सभी पुस्तकालयों में पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
जिन ग्राम पंचायतों की ऑडिट नहीं हुई है, उनकी ऑडिटिंग सुनिश्चित की जाए। एसीईओ ने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है, वहां समस्याओं को जानकर उनका निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि गांवों में ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया जाना जरूरी है।