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“शायद अबकी बार रावण भी नाराज़ था!”…..

“शायद अबकी बार रावण भी नाराज़ था!”…..

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विजयदशमी आई, और रावण ने अपनी नकली आंखें खोलीं, जोर से कहा – “अरे भाई ! आखिरकार श्रीराम को आना ही पड़ा!” हाँ, वही राम जिन्हें पिछले कई सालों तक नगर प्रशासन के अधिकारी यानी ‘अल्टरनेट राम’ बना-बनाकर रावण का वध कर देते रहे।

इस बार राम, लक्ष्मण और हनुमानजी के साथ वानर सेना की धाकड़ टोली लेकर दशहरा मैदान में उतरे। नगरवासी, जो पिछले कई सालों से सोशल मीडिया पर ‘आनंदित दर्शक’ बनकर बैठे थे, इस बार खुद उमड़ पड़े। नगरीय निकाय ने भी कमाल दिखाया – कीचड़ के ऊपर रेत बिछा दी, ताकि लोगों को लगे “देखो, सुधार तो हो रहा है!”। शाम तक उनका कार्य जारी रहा, ताकि मेहनत का ढोंग भी पूरा हो जाए।

शोभायात्रा किसान मंडी से शुरू हुई। ऊंट, घोड़े, बग्गी और ढोल-नगाड़ों के शोर के बीच श्रीराम और उनके संगवारी मैदान पहुंचे। और फिर हुआ वही जो हर साल होता है – राम ने रावण का वध किया।

लेकिन… अरे भाई, रावण भी क्या कमाल का था! मरने के बाद भी खड़ा रहा। मानो कह रहा हो “हे राम ! आने में इतना विलंब क्यों किया? हर साल सोचता था, अबकी बार जरूर आओगे आप, पर हर साल निराशा ही हाथ लगी। लम्बे समय बाद आज आए… तो थोड़ा नाराज हूं आप से!”

कुम्भकर्ण और मेघनाद पहली बार नगर में आए और तुरंत ही ‘त्यागपत्र’ जमा कर गए। लेकिन रावण… रावण अडिग खड़ा रहा। नगर के युवा रावण की विडंबना को समझ गए – यह केवल रावण का अहंकार नहीं, यह नगरवासियों की पीड़ा और पालिका प्रशासन की सुस्ती का प्रतीक है। देर रात तक युवा रावण के पुतले को गिराने में पसीना बहाते रहे, लेकिन रावण का ‘स्टैंडिंग पोस्टर’ अडिग ।

शायद रावण श्रीराम से वचन मांग रहा था “हे राम, अगली बार भी ऐसे ही आना, तब ही मेरी मुक्ति होगी।”

श्रीराम चले गए, रावण का अंत हुआ, लेकिन दिलों में एक व्यंग्यात्मक राहत बनी रही।

खाकी वर्दीधारी अपने फर्ज़ में व्यस्त रहे, नगरवासियों ने आनंद मनाया, और पालिका प्रशासन ने… जैसे हर साल करता है -“दिखावा पूरा किया।”

आज विजयदशमी पर बुराई पर अच्छाई की विजय हुई। नगरवासी आनंदित थे, और लेखक ने राहत की लंबी सांस ली कि आखिरकार रावण भी नाराज़ होकर ही सही, ‘संदेश’ देने में कामयाब हुआ।

बस ईश्वर से यही कामना है –

“शहर में आपसी प्रेम और सौहार्द बना रहे, अमन चैन बना रहे, और अगली बार भी राम रावण का वध करने जरूर आएं!” (व्यंग्य लेख : लेखक की कलम से…)